नहीं लडूंगा लोकसभा का चुनाव: केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वो लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं.
आम आदमी पार्टी की तरफ़ से उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, "मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा. ये उनका (योगेन्द्र यादव) प्यार है जो ऐसा कह रहे हैं."
इससे पहले 'आप' के नेता योगेन्द्र यादव ने कहा था कि उनका सपना है कि अरविंद केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री बनें.
योगेन्द्र यादव मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "हमने बार-बार कहा है कि राहुल बनाम मोदी की लड़ाई इस देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. इस देश को इससे बेहतर विकल्प क्या हम देने की स्थिति में हैं, इस पर हम चर्चा करेंगे."
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "केजरीवाल, राहुल गांधी या नरेन्द्र मोदी की बहस महत्वपूर्ण नहीं है. देश की राजनीति भ्रष्टाचार और महंगाई के ख़िलाफ़ है. देश की जनता पिस चुकी है."
लोकसभा की तैयारी
इस सिलसिले में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक शनिवार को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुई. बैठक में लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई.
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि पूरे देश में उसके पक्ष में माहौल दिखाई दे रहा है और पार्टी बड़े स्तर पर लोक सभा चुनावों में उतरने जा रही है.
आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही प्रधानमंत्री पद के बारे में तय किया जाएगा.
उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं, लेकिन प्रधानमंत्री पद किसे मिलेगा, यह बात पार्टी के लिए अहमियत नहीं रखती है और चुनाव परिणाम आने से पहले पार्टी इस बारे में तय नहीं करेगी."
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में "आम आदमी पार्टी ज़्यादा से ज़्यादा राज्यों में ज़्यादा से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी."
पार्टी ने कहा है कि इस बारे में एक महीने के भीतर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी.
प्रशांत भूषण ने कहा कि आम आदमी पार्टी सिर्फ़ स्वच्छ ईमानदार सरकार के लिए नहीं, बल्कि एक वैकल्पिक राजनीति की स्थापना के लिए चुनाव में उतर रही है.
मोदी के लिए चुनौती
भारतीय जनता पार्टी के बलबीर पुंज ने कहा है कि राहुल गांधी या नरेन्द्र मोदी के बारे में फैसला करने के लिए आम आदमी पार्टी को किसी ने अधिकृत नहीं किया है.
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने पार्टी के लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले पर किसी टिप्पणी से इनकार किया. उन्होंने कहा, "आप अभी एक नई पार्टी है. पहले इसे बढ़ने दीजिए और फिर हम उनकी आकांक्षाओं पर कोई टिप्पणी करेंगे."
दिल्ली में 'आप' की सरकार बनने के बाद और पार्टी के कुछ चुनावी वादों को पूरा करने की घोषणा के बाद अब कई लोग ये कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के लिए 'आप' सब से बड़ी चुनौती बन कर उभर रही है.
दिल्ली चुनाव से पहले अगर मोदी लहर के बारे में बातें की जा रही थीं तो इसके बाद अब 'आप' की लहर महसूस की जा रही है.
दिल्ली के बाहर अब कई राज्यों में अब आम लोगों के अलावा 'ख़ास' लोग भी इस पार्टी में शामिल हो रहे हैं.
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