'केजरीवाल के प्रस्ताव पर विचार करें जंग'

अरविंद केजरीवाल और नज़ीब जंग

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-राज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रही खींचतान अब अदालत में दिलचस्प मोड़ पर है.

शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने नजीब जंग से कहा कि वह राज्य सरकार के उस प्रस्ताव पर विचार करें, जिसमें कहा गया है कि उनके पास तमाम फ़ैसले भेजे जाएंगे, और जिन मुद्दों पर उनकी राय राज्य सरकार से अलग होगी, उन्हें राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेजा जाएगा.

राज्य सरकार ने अदालत में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को यह प्रस्ताव रखा था.

इसके पहले शुक्रवार को ही अदालत ने राज्य सरकार की एक दूसरी अर्ज़ी ख़ारिज कर दी.

नियुक्ति और तबादले

सुप्रीम कोर्ट

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इस अर्ज़ी में यह कहा गया था कि अदालत केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दे, जिसमें कहा गया है कि नियुक्ति और तबादले समेत तमाम मामलों में उप-राज्यपाल का फ़ैसला अंतिम होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह केंद्र सरकार की अर्जी पर तीन हफ़्ते में जवाब दे. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के उस फ़ैसले को ख़ारिज करने की अर्जी दी है जिसमें कहा गया है कि वह दिल्ली सरकार के अधिकार हड़पना चाहती है.

अगली सुनवाई छह हफ़्ते बाद होगी. इसमें केंद्र सरकार को अपनी अधिसूचना पर सफ़ाई देनी होगी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया था कि क़ानून व्यवस्था, सर्विसिज़ और ज़मीन के मामलों में उप-राज्यपाल को मुख्यमंत्री से सलाह लेने की ज़रूरत नहीं है.

अलग सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार की अधिसूचना के ख़िलाफ़ दी गई राज्य सरकार की अर्ज़ी पर दिल्ली हाई कोर्ट अलग से सुनवाई करेगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-राज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रही सत्ता की लड़ाई अदालत में तब पहुंची जब जंग ने कार्यवाहक मुख्य सचिव पद पर शकुंतला गामलिन की नियुक्ति की.

उप-राज्यपाल के फ़ैसले पर आपत्ति जताते हुए केजरीवाल ने कहा था कि इस नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री का होना चाहिए.

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