मिलिए एक जिगोलो ट्रेनर से

  • चिंकी सिन्हा
  • बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए
पेशेवर

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वो उस दिन तक बॉयोटेक इंजीनियर थे, जब एक हवाई यात्रा के दौरान उनकी मुलाक़ात उस शख़्स से हुई थी.

यात्रा के दौरान उनकी अगली सीट पर बैठे उस आदमी ने उनसे उनकी आजीविका के बारे में पूछा.

और उन्होंने बिना समझे बूझे कह दिया कि वो एक जिगोलो हैं.

यात्रा ख़त्म होने पर जब वो सामान लेने काउंटर पर पहुंचे तो उस शख़्स ने उन्हें अपना नंबर दिया और फ़ोन करने के लिए कहा.

वो बताते हैं, “बाद में पता चला कि वो मुझे अपनी पत्नी के लिए सेवा लेना चाहता था. कुछ दिनों बाद उसकी पत्नी ने मुझे अपनी एक दूसरी दोस्त के यहां भेजा और सिलसिला आगे बढ़ता गया. हर बार होता ये था कि एक क्लाइंट मुझे दूसरे तक पहुंचा देता था. जल्द ही मेरा कैलेंडर अप्वाइंटमेंट से भर गया.”

इस बात को एक साल हो चुके हैं और ये आदमी जिसने अपनी पहचान ज़ाहिर करने से मना कर दिया है और ईमेल से सवालों का जवाब देता है, भारत में जिगोलो ट्रेनर है.

यह शख़्स जिगोलो से जुड़े मिथकों और ग़लतफ़हमियों से पर्दा हटाता है.

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यह कोई ज़रूरी नहीं कि जिगोलो देखने में ख़ूबसूरत हों. लेकिन अगर कोई इसे अपना पेशा बनाना चाहता है तो उसकी भाषा अच्छी और उसे समझदार होना चाहिए.

वो कहते हैं कि ऐसा बनना थोड़ा कठिन है.

उनके मुताबिक़, ''अधिकांश लोग सोचते हैं कि जिगोलो का मतलब है वो पुरुष यौनकर्मी जिन्हें महिलाएं पैसे देकर बुलाती हैं. लेकिन यह कुछ हदतक ही सच है.''

वो ये बताने की कोशिश करते हैं कि कौन सी चीज़ एक जिगोलो को सफल बनाने के लिए ज़रूरी है. इस पेशे में सेक्स ही सबकुछ नहीं है. बल्कि यह जटिल चाहतों के जाल और प्यार के प्रति अपनापन को समझने का पेशा है.

इस जिगोलो ट्रेनर का कहना है कि ग्राहकों में घरेलू और प्रोफ़ेशनल महिलाएं, विदेशी दूतावासों की कर्मचारी, एनआरआई और टूरिस्ट, कॉलेज स्टूडेंट जैसे लोग होते हैं.

लेकिन इन्हें 18 साल से अधिक उम्र का होना चाहिए.

उनके मुताबिक़, एक जिगोलो को ख़ुद को तराशना चाहिए, तभी और काम पाने की उम्मीद करनी चाहिए.

जिगोलो को तलाशने के कई सारे तरीक़े हैं, जैसे व्हाट्सएप ग्रुप, लेकिन सबकुछ गोपनीय होता है और कुछ भी लीक नहीं किया जाता.

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वो जिगोलो ट्रेनिंग नाम की वेबसाइट चलाते हैं और उनके मुताबिक़, वो बहुत आकर्षक नहीं थे.

वो कहते हैं, “मैं बहुत ख़ूबसूरत भी नहीं था और किताबी कीड़ा था. सामाजिक भी नहीं था और छुट्टियों के दिन अकेला ही रहता था. मेरी कोई गर्लफ़्रेंड भी नहीं है. लेकिन एक जिगोलो बनने का सपना मुझे बहुत आकर्षित करता था. सिर्फ़ लोगों के साथ समय गुज़ार कर पैसे कमाने का विचार बहुत आकर्षक था. हालांकि उस समय यह केवल एक फंतासी थी.”

उनके अनुसार, वो लोगों को ख़ुद को मर्दाना दिखने की कला के साथ-साथ बातचीत करने, प्यार करने और ख़ुद का प्रचार करने की कला भी सिखाते हैं.

वो कहते हैं, “ट्रेनिंग के लिए हर आदमी को नहीं लिया जाता है. बल्कि कुछ लोग ही इसके क़ाबिल होते हैं.”

जो लोग उनके पास आते हैं, उनमें अधिकांश नियमित नौकरी करने वाले लोग होते हैं.

वो कहते हैं, “मैं भी एक नौकरी करने वाला आदमी था. अगर आप ऐसे लोगों से किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में मिलेंगे, जिन्हें मैंने ट्रेनिंग दी है तो वो अन्य लोगों से अलग नहीं दिखेंगे, सिवाय अधिक सेक्सुअल दिखने के.”

जिगोलो अपने क्लाइंट को कभी मना नहीं कर सकता.

सुरक्षा का भाव

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उनके मुताबिक़, जिन्होंने ख़ुद को अच्छी तरह तैयार किया है और सम्पन्न अधेड़ उम्र की महिलाओं को अपनी सेवा देते हैं वो एक रात में 30,000 रुपये तक कमा लेते हैं.

हालांकि एक हज़ार रुपये में सस्ते जिगोलो भी मिल जाएंगे, लेकिन हर जिगोलो को काम नहीं मिल पाता है.

कोई ये पूछ सकता है कि महिलाओं को सेक्स के लिए पैसे देने की क्या ज़रूरत है. वो इसे कहीं भी हासिल कर सकती हैं और वो भी बिना किसी भुगतान के. लेकिन इस तरह के सेक्स हमेशा ही सुरक्षित या अन्य मुश्किलों से मुक्त नहीं होते हैं.

कुछ ऐसी भी शादीशुदा महिलाएं होती हैं जो अपनी चाहत के लिए आरामतलब जीवन को दांव पर नहीं लगाना चाहतीं.

वो कहते हैं, “मेरे कुछ क्लाइंट मीडिया और व्यवसाय जगत से हैं. आम तौर पर हमारी दोस्ती हो जाती है.”

शर्मिंदगी

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“क्लाइंट से अंतरंग होने के बाद मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूँ कि उसने मुझे अपनी आंतरिक दुनिया में दाख़िल होने की इजाज़त दी और मैं उसका ख़्याल रखता हूँ.”

हालांकि महिला यौनकर्मी से उलट, यहां शर्मिंदगी की कोई बात नहीं होती.

जिगोलो के बारे में बढ़ाचढ़ा कर बातें की जाती हैं लेकिन ऐसे ही काम के लिए महिलाओं को दूसरी नज़र से देखा जाता है.

एक उम्रदराज़ जिगोलो को भी काम मिल सकता है क्योंकि उसकी अपील का, इससे कोई वास्ता नहीं कि वो कैसा दिखता है बल्कि इसका वास्ता उसके मर्दाना व्यक्तित्व से है.

लेकिन महिलाओं के साथ ऐसा नहीं है.

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