कोल्लम हादसाः मोदी केरल पहुँचे, 108 की मौत

केरल के कोल्लम ज़िले में एक मंदिर में आग लगने से कम से कम 108 लोगों की मौत हो गई है जबकि 200 से ज़्यादा घायल हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थिति का जायज़ा लेने केरल के कोल्लम पहुँच चुके हैं. उनके साथ डॉक्टरों की एक टीम भी गई है.

कोल्लम से 25 किमी दूर पारावुर स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर में पटाख़ों में आग लगने से यह हादसा हुआ.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपए और घायलों को 50 हज़ार रुपए देने की घोषणा की है.

मोदी ने कहा, "कोल्लम मंदिर में आग लगने से हुआ हादसा बेहद दुःखद है. मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ."

केरल मंदिर में हादसा

इमेज स्रोत, Reuters

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार घटनास्थल पर हज़ारों लोग हैं. मंदिर के वार्षिकोत्सव के समापन समारोह में होने वाली आतिशबाज़ी के दौरान तड़के साढ़े तीन बजे यह हादसा हुआ.

घटनास्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विस्फोट की आवाज़ इतनी तेज थी कि इसे एक किलोमीटर से अधिक दूर तक सुना जा सकता था. विस्फोट के तुरंत बाद बिजली आपूर्ति ठप पड़ने से पूरा इलाक़ा अंधेरे में डूब गया. लोगों में अफ़रातफ़री मच गई.

बड़े पैमाने पर चल रहे बचाव कार्य में नौसेना और वायुसेना के जवान भी लगे हैं. बचाव कार्य के लिए छह हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान की मदद ली जा रही है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 308 (ग़ैर इरादतन हत्या की कोशिश) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-4 के तहत मंदिर के अधिकारियों और विस्फोटक लाइसेंस के खिलाफ़ मामला दर्ज कर लिया गया है.

केरल मंदिर में हादसा

इमेज स्रोत, AP

बेंगलूरू स्थित वरिष्ठ पत्रकार इमरान क़ुरैशी ने एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया है कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.

राज्य के गृहमंत्री रमेश चेन्नितला ने बताया कि इस हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

पुत्तिंगल मंदिर

इमेज स्रोत, puttingaltemple.org

कोल्लम के ज़िलाधिकारी ए शाइनामोल ने बीबीसी को बताया कि मंदिर में आतिशबाज़ी की अनुमति नहीं दी गई थी.

एक अधिकारी ने नाम न आने की शर्त पर कहा कि केरल के मंदिरों में एकदूसरे से ज्यादा पटाखे छोड़ने की होड़ रहती है. यही वजह है कि कोई आधिकारिक अनुमति नहीं लेता.

पुलिस और ज़िला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि आतिशबाज़ी के दौरान कुछ चिंगारियां उस जगह जाकर गिरीं जहां पटाख़े रखे थे.

इससे भीषण विस्फोट हुआ जिससे पास स्थित देवासम बोर्ड ऑफ़िस की इमारत ढह गई. इसकी चपेट में आने से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई.

मौक़े पर मौजूद एक पत्रकार ने बताया कि राहत अभियान में बड़ी समस्या यह आ रही है कि मृतकों और गंभीर रूप से घायल लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है.

गंभीर रूप से घायल लोगों को कोल्लम से 65 किमी दूर त्रिवेंद्रम ले जाया गया है.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)