'ऑड-ईवन योजना के लिए हम तैयार'

दिल्ली गाड़ियां

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नए साल से दिल्ली में 15 दिन के लिए एक दिन में ऑड या ईवन नंबरप्लेट की कारें ही चलेंगी.

प्रदूषण कम करने के लिए देश में अपनी तरह की इस पहली कोशिश के लिए दिल्ली सरकार कितनी तैयार है?

दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने इस बारे में बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा..

गोपाल राय

दिल्ली सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है. मैट्रो के फेरे बढ़ा दिए गए हैं. राजधानी में चल रही 6,000 बसों के अलावा 3,000 अतिरिक्त बसें भी चलाई जाएंगी.

इसके अलावा ऑटो की निगरानी के लिए व्यवस्था की जा रही है. मतलब कि वैकल्पिक व्यवस्था पर भी सरकार ज़ोर दे रही है.

ट्रैफ़िक पुलिस, परिवहन विभाग और सभी एसडीएम एक तारीख को सड़क पर उतरेंगे और नियमों का उल्लंघन करने वालों का 2,000 रुपए का चालान काटेंगे.

यह नियम बाहर से दिल्ली में प्रवेश करने वाली गाड़ियों पर भी लागू होगा?

दिल्ली में और बाहर पंजीकृत सभी गाड़ियों पर ऑड-ईवन नंबरप्लेट वाली गाड़ियों का नियम लागू होगा और सीएनजी गाड़ियों को इससे छूट मिलेगी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा है कि महिलाओं और दोपहिया को क्यों छूट दी गई है?

छूट को लेकर दो तरह की बातें हैं. जिन्हें छूट नहीं मिली है, वो चाहते हैं कि मिले और जिन्हें मिली है वह चाहते हैं थोड़ी और मिले.

लेकिन आप देश के मुख्य न्यायाधीश को देखें. सरकार ने उन्हें इस नियम से छूट दी लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से कार पूल करने की बात कही.

महिला मुंह ढके हुए

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एम्स निदेशक ने कहा कि वह अपने उपनिदेशक के साथ कार पूल करेंगे. तो यह मुद्दा कारों का नहीं है. यह आपके बच्चों और आने वाली पीढ़ी की ज़िंदगी का है.

महिलाओं को छूट इसलिए दी गई है कि उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत सी चिंताएं होती हैं.

इसलिए अगर गाड़ी की चालक महिला है और उसमें सिर्फ़ महिलाएं या छोटे बच्चे हैं, तो ही उन्हें छूट मिलेगी.

इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में लोगों को अस्पताल तक जाने के लिए छूट दी जा रही है और विकलांगों को भी इससे छूट हासिल है.

दोपहिया को इस बार छूट है और इन्हें हम अगले चरण में शामिल करने पर विचार करेंगे. हम लोग इसे चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ाएंगे.

दिल्ली

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अगर यह प्रयोग सफल होता है तो आगे क्या इसे दोहराया जाएगा?

15 दिन बाद हम इस योजना के सही-ग़लत सभी बिंदुओं का मूल्यांकन करेंगे और इसके आधार पर ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

(बीबीसी संवाददाता सुशीला सिंह से बातचीत पर आधारित)

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