एक अप्रैल से बिहार में नहीं मिलेगी शराब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराब की बिक्री और सेवन पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया है.

इससे पहले नीतीश ने बिहार चुनाव अभियान के दौरान वादा किया था कि अगली बार वे सत्ता में आएं तो सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे.

नीतीश ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा, "हमलोगों ने 1977-78 में भी शराब पर पाबंदी लगाने का प्रयास किया था लेकिन उस समय ये नहीं हो पाया था. शराब के कारण महिलाएं दूसरों से कहीं अधिक पीड़ित हैं... मैंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शराबबंदी पर काम करना शुरू कर दें और इसे आने वाले वित्तीय वर्ष में लागू करें."

हालांकि अभी ये साफ़ नहीं है कि राज्य में पूरी तरह से शराब पर पाबंदी लग जाएगी या सिर्फ़ देसी शराब पर पाबंदी लगेगी.

प्रदेश में सत्तारूढ़ जनता दल के प्रवक्ता का कहना है कि शराब की बिक्री और सेवन पर पाबंदी लगने से बिहार को क़रीब 3200 करोड़ रुपए का घाटा हो सकता है.

भारत के कई राज्यों में शराब पर पाबंदी लगी हुई है. इनमें गुजरात, नागालैंड और मणिपुर शामिल है.

लक्ष्यद्वीप में भी शराब पर पाबंदी है.

बिहार में इस महीने हुए विधान सभा चुनाव में नीतीश की अगुआई में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन ने भारी जीत दर्ज की है.

बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश को उन महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा था जो गांव में पुरुषों के शराब पीने की बढ़ती लत से परेशान थीं.

पिछले साल, केरल की सरकार ने 10 साल की शराबबंदी की घोषणा की थी.

इसके बाद बार और होटल के मालिकों ने इस फ़ैसले को अदालत में चुनौती दी. इसके बाद पाबंदी में ढील दी गई और बार को बियर और शराब बेचने की इजाज़त मिली.

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