इसराइल: नस्ली भेदभाव के ख़िलाफ़ प्रदर्शन
इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू ने तेल अवीव में एक प्रदर्शन के दौरान इथियोपियाई मूल के एक सैनिक की पिटाई पर गहरा दुख जताया है.
वहीं राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन का कहना है कि इस घटना ने देश के भीतर चल रहे असंतोष को उजागर किया है.
रविवार की रात इसराइल के तेल अवीव में इथियोपियाई मूल के यहूदियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्जनों पुलिसकर्मी और प्रदर्शकारी घायल हुए हैं.
भेदभाव के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे हज़ारों इथियोपियाई मूल के इसराइली यहूदी नगरपालिका परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे.
जब प्रदर्शनकारियों ने बोतलें और ईंटें फेंकना शुरू किया तब पुलिस ने आंसू गैस और अचेत करने के लिए गोले छोड़े.
इस झड़प में 46 पुलिसकर्मी और 7 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं और दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया है.
क्या है तनाव की वजह?
पिछले हफ्ते एक वीडियो सामने आया था जिसमें दो पुलिसकर्मी इथियोपियाई मूल के इसराइली सैनिक की पिटाई कर रहे थे. इसके बाद ही तनाव की शुरुआत हुई.
मामले की जांच जारी है और दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
इसराइल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने कहा, "इस समुदाय के लोगों के मन में भेदभाव और नस्लभेद की पीड़ा है जिस पर अब तक कुछ किया नहीं गया है."
क्या है शिकायत?
इसराइल में इथियोपियाई मूल के यहूदी लोग अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाते हैं.
भेदभाव के ख़िलाफ़ साल 2012 में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद इन लोगों की शिकायत थी कि इसराइली मकान मालिक इन्हें किराए पर मकान नहीं दे रहे हैं.
यह समुदाय आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ भी है और शिक्षा के क्षेत्र में भी समान अवसर नहीं मिलने की शिकायत करता है.
इसराइल में करीब 1 लाख 35 हज़ार इथियोपियाई यहूदी हैं. इन्हें 1980 और 90 के दशक में सूखे और गृहयुद्ध की वजह से इथियोपिया से एक खुफिया मिशन के तहत हवाई रास्ते से इसराइल लाया गया था.
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