इसराइल: गठबंधन सरकार का रास्ता साफ़

(बाएं से) नफ़ताली बेनेट और बेन्यामिन नेतन्याहू

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दक्षिणपंथी पार्टी नेता नफ़ताली बेनेट और बेन्यामिन नेतन्याहू .

इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू आख़िर समय में नई गठबंधन सरकार बनाने को राज़ी हो गए.

ये समझौता चुनाव परिणाम आने के सात सप्ताह बाद तब हुआ जब सरकार बनाने की आख़िरी समय सीमा बीतने ही वाली थी.

चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को सबसे ज़्यादा सीटें मिली थीं लेकिन उन्हें सरकार बनाने के लिए 61 सीटें चाहिए थी.

सत्ता हासिल करने के लिए लिकुड पार्टी को दक्षिणपंथी पार्टी हबाइयत यहूदी के समर्थन की ज़रूरत थी.

चौथी बार प्रधानमंत्री

बेन्यामिन नेतन्याहू

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ये नेतन्याहू का प्रधानमंत्री के तौर पर चौथा कार्यकाल होगा. वो 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे.

यरूशलम में मौजूद बीबीसी संवाददाता केविन कोनली के मुताबिक़ इसराइल के 67 साल के इतिहास में हमेशा गठबंधन सरकारें ही बनती रही हैं.

आज तक कोई भी पार्टी वहां अकेले दम पर सरकार नहीं बना पाई है लेकिन इससे पहले सरकार बनाने के लिए मामला इतना लंबा कभी नहीं खिंचा.

'हबाइयत यहूदी' के नेता नफ़ताली बेनेट ने अपने आठ सांसदों के समर्थन के एवज़ में क़ानून मंत्रालय मांगा था.

अब 120 सीटों की संसद 'क्नेसट' में नेतन्याहू के पास सिर्फ़ एक सीट से बहुमत है. नेतन्याहू, मंगलवार रात तक तीन अन्य पार्टियों से गठबंधन कर चुके थे.

पूर्व विदेश मंत्री और नेतन्याहू के सहयोगी रह चुके अविग्दोर लिबरमैन ने कहा कि उनकी पार्टी 'इसराइल बेतनू' गठबंधन में शामिल नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि नया गठबंधन 'देशहित' में नहीं है.

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