'आजकल नया नारा है...अरहर मोदी, अरहर मोदी'

महंगाई पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.

उन्होंने कहा कि देश में महंगाई बहुत बड़ी समस्‍या है और किसान 50 रुपये प्रति किलो दाल बेचता है लेकिन ख़रीदता 180 रुपए में है.

प्रधानमंत्री मोदी पर तंज़ करते हुए उन्होंने कहा, "चौकीदार की नाक के नीचे दाल की चोरी हो रही है और चौकीदार चुप है. अब आप पीएम बन गए हैं बड़े आदमी बन गए हैं...चौकीदारी छोड़िए, वो हम कांग्रेस वाले कर लेंगे."

राहुल गांधी के भाषण की 8 ख़ास बातें-

  • प्रधानमंत्री ने ख़ुद को पीएम न बनाकर चौकीदार बनाने की बात कही थी. देखिये, अब चौकीदार की नाक के नीचे दाल की चोरी हो रही है, लेकिन उन्‍होंने एक शब्‍द नहीं कहा.
  • अब आप पीएम बन गए हैं, बड़े आदमी हो गए हैं, अब 'चौकीदारी' हम पर छोड़ दें. <image id="d5e371"/>
  • जब कच्चा तेल 110 डॉलर प्रति बैरेल था, तब हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किसानों का 70 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ माफ़ किया था.
  • अब कच्चा तेल 44 डॉलर प्रति बैरल है. पिछले साल सरकार ने बड़े उद्योगपतियों का 52 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ माफ़ किया.
  • हम आपसे सिर्फ़ यह कहना चाहते हैं कि मेक इन इंडिया में आपने एक युवा को रोज़गार नहीं दिया. दो लाख करोड़ रुपये में से आपने बड़े उद्योगपतियों का कर्ज़ माफ़ किया, मगर हिंदुस्‍तान की जनता को आपने कितना पैसा दिया?
  • बड़े उद्योगपतियों को फ़ायदा हुआ, लेकिन किसान, मज़दूर और ग़रीब महिलाओं को फ़ायदा नहीं हुआ.
  • पीएम जी आप जो वायदे करना चाहते हैं, सब कीजिए, मगर आप सदन को वह तारीख़ दे दीजिए, जब मार्किट में दाल, आलू और टमाटर का दाम कम हो जाएगा.
  • चुनाव से पहले घर-घर मोदी का नारा चला था, अब गांव-गांव में एक नया नारा चल रहा है. बच्चा-बच्चा कह रहा है अरहर मोदी...अरहर मोदी...अरहर मोदी.

संसद में राहुल गांधी के भाषण और उसमें उठाए कई सवालों का जवाब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया. उन्होंने कहा कि इन ज़रूरी चीज़ों का दाम नारों से नहीं बल्कि डिमांड और सप्लाई से तय होती है. जेटली के जवाब की 6 ख़ास बातें-

  • प्याज़ के दाम इतने कम हो गए हैं कि हज़ारों टन प्याज़ किसानों को फेंकना पड़ा है.
  • दाल के दाम की चिंता पूरे देश की है. दाल के दाम उपभोक्ता की मांग और उत्पादन पर निर्भर करता है.
  • भारत में सबसे ज़्यादा दाल की पैदावार होती है. इस साल पैदावार दो करोड़ टन होने का अनुमान है और सरकार 20 लाख टन का बफ़र स्टॉक रखने की सोच रही है.
  • सरकार उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दे रही है और पिछले दो सालों में मॉनसून की कमी के चलते उत्पादन कम हुआ था.
  • पिछले 18 महीने से थोक महंगाई दर निगेटिव रही है यानी महंगाई कम हुई है.
  • सरकार ने किसानों का बक़ाया दिया है. पहले किसानों को 27 हज़ार करोड़ रुपए देने थे, अब यह बकाया 1.5 हज़ार करोड़ रह गया है.