'नोट बंद होने से कुछ पार्टियां ग़रीब हो गईं!'
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के फ़ैसले का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों को करारा जवाब दिया है.
शुक्रवार को प्रेस कॉंन्फ्रेंस कर अमित शाह ने कहा कि देश के अर्थतंत्र से काले धन को निकाले जाने पर कुछ राजनीतिक दल छटपटा रहे हैं और परेशान हैं. जबकि देश के सभी देशभक्तों ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है.
गुरुवार को आए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मायावती के बयानों पर तंज़ कसते हुए अमित शाह ने कहा, "लोग कह रहे हैं कि इस फ़ैसले से ग़रीब लोगों की हालत ख़राब हो गई है. ऐसा कुछ नहीं है. बल्कि यह जरूर है कि मोदी सरकार के इस फ़ैसले के बाद कुछ राजनीतिक पार्टियां ज़रूर ग़रीब हो गई हैं."
मुलायम सिंह और मायावती ने आरोप लगाया था कि बीजेपी सरकार ने पहले अपना काला धन विदेशों में छिपाया और फिर चुनाव के मद्देनज़र यह फ़ैसला लिया.
शाह ने सीधा निशाना साधते हुए कहा कि आप, बसपा, सपा और कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश को यह बताएं कि क्या वो काले धन वालों के साथ हैं?
अमित शाह ने माना कि इस फ़ैसले से लोगों की परेशानी बढ़ी है. लेकिन उन्होंने विश्वास दिलाया कि किसी भी किसान या फिर छोटे व्यापारी का पैसा इस फ़ैसले की वजह से नहीं मारा जाएगा.
क्या इस फ़ैसले की सूचना बीजेपी नेताओं को पहले से थी? इसके जवाब में शाह ने कहा कि इस बदलाव की सूचना सिर्फ़ सरकार और प्रशासकों को ही थी.
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