भारत मेरे पिता का मुल्क: पुर्तगाली पीएम

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इमेज कैप्शन, कोस्टा और नरेंद्र मोदी

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा शनिवार को सात दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं.

कोस्टा ने भारत पहुंचने के बाद कहा कि यह उनके पिता का मुल्क है और वह काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं. कोस्टा की जड़ें भारत के गोवा राज्य से है.

इनके पिता प्रसिद्ध उपन्यासकार ओरलैंडो दा कोस्टा थे.

उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर पर भी कई आलेख लिखे हैं.

जब गोवा पुर्तगाल के अधीन था तब पुर्तगाली पीएम के पिता जवानी के दिनों में यहीं रहे थे. अभी भी इनके रिश्तेदार गोवा के मार्गाओ में हैं और कोस्टा मंगलवार की शाम यहां पहुंचने वाले हैं.

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इमेज कैप्शन, भारत से सात दिवसीय दौरे पर आए हैं कोस्टा

कोस्टा के दादा लुईस अफोंसो मारिया दा कोस्टा का जन्म गोवा में हुआ था.

वो यहीं पले-बढ़े थे. वह हिन्दू परिवार से थे लेकिन उन्होंने पुर्तगाल शासन में ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया था.

सोलहवीं शताब्दी की शुरुआत में पुर्तगाल पश्चिम का पहला देश था जिसका उपनिवेश भारत के कुछ हिस्सों में था.

पुर्तगाल का उपनिवेश भारत से 19 दिसंबर 1961 में ख़त्म हो गया था.

भारत दौरे पर आए पुर्तगाली पीएम ने कहा, "मुझे अपने पिता की ज़मीन पर आकर गर्व महसूस हो रहा है. ख़ासकर प्रधानमंत्री और यूरोपीय यूनियन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री के रूप में यहां आना मेरे लिए गर्व की बात है. मेरे लिए भारत आने का एक भावुक पक्ष भी है. मेरे लिए भारत यात्रा महज एक और विदेश यात्रा नहीं है."

कोस्टा

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इमेज कैप्शन, नई दिल्ली में कोस्टा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

लिस्बन के पूर्व लोकप्रिय मेयर 54 साल के कोस्टा का पुर्तगाल का प्रधानमंत्री बनना भारतीय प्रवासियों की उपलब्धि में एक मजबूत अध्याय है.

अंतोनियो कोस्टा पुर्तगाल में साधारण जीवन शैली के कारण 'गांधी ऑफ़ लिस्बन' के रूप में जाने जाते हैं.

पुर्तगाल की पूर्ववर्ती सोशलिस्ट सरकारों में कोस्टा न्याय और गृह मंत्री रहे थे.

2007 में लिस्बन के मेयर बनने से पहले कोस्टा यूरोपीयन संसद के डेप्युटी थे. कोस्टा के परिवार गोवा के सारस्वत ब्राह्मण थे. कोस्टा बहुतों के लिए 'बाबुश' हैं.

कोस्टा का ट्वीट

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'बाबुश' कोंकणी शब्द है जिसका मतलब लड़का होता है.

शनिवार को पुर्तगाली प्रधानमंत्री कोस्टा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाक़ात की.

दोनों देशों के बीच छह एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं. इनमें सुरक्षा से जुड़े समझौते भी हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है कि कोस्टा ने प्रवासी भारतीय दिवस में मुख्य अतिथि बनने का न्यौता स्वीकार किया.

मोदी ने कहा कि उन्होंने कोस्टा से दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर विस्तार से बात की.

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