परिवारवाद पर मोदी का सबक भूल गई भाजपा?

मोदी

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कांग्रेस पर हमला करने के लिए भाजपा परिवारवाद को बीते कई वक़्त से मुद्दा बनाती रही है. लेकिन उत्तर प्रदेश चुनावों में टिकटों का बंटवारे ने इस पर सवालिया निशान लगा दिया है. भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने में कंजूसी नहीं बरती है

  • भाजपा के सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को भी टिकट मिल गया है.
  • भाजपा नेता विजय बहुगुणा की बहन और कांग्रेस से भाजपा में आईं रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ेंगी.
  • पूर्व मुख्यमंत्री और अब राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह को भी चुनाव लड़ने का मौक़ा दिया गया है.
  • भाजपा ने नोएडा से पंकज सिंह को टिकट दिया है. वो गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे हैं.
  • लखनऊ पूर्व से आशुतोष टंडन मैदान में होंगे, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे हैं.
  • छह महीने पहले बसपा से भाजपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कर्ष मौर्य भी कमल के निशान पर चुनाव लड़ेंगे.
उत्तर प्रदेश चुनाव

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हालांकि, परिवारवाद को बढ़ावा देने के मामले में भाजपा अकेली नहीं है. समाजवादी पार्टी भी कुछ ऐसा ही कर रही है.

  • पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल को हरदोई से टिकट दिया गया है.
  • आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला आज़म को मैदान में उतारा गया है.
  • मुख़्तार अंसारी के भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी को टिकट दिया गया है.
  • बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दक़ी के भाई हसनुद्दीन को भी टिकट दिया गया.
पंकज सिंह

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इमेज कैप्शन, भाजपा ने नोएडा से पंकज सिंह को टिकट दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरुआत से पारिवारिक सदस्यों को टिकट देने के ख़िलाफ़ रहे हैं और परिवारवाद के मुद्दे को कांग्रेस के ख़िलाफ़ हथियार बनाते रहे हैं. साथ ही उन्होंने मौक़ापरस्ती पर भी कई बार सवाल उठाए हैं.

लेकिन ऐसी ख़बरें हैं कि उनकी अपनी पार्टी के नेता उत्तर प्रदेश चुनावों में टिकट के लिए अपने बच्चों और रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं और कई को दिए भी गए हैं.

तेजस्वी यादव

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साल 2014 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान मोदी ने ये मुद्दा ज़ोरदार तरीके से उठाया था. उनके कुछ ट्वीट साफ़ करते हैं कि ये मसला उनके दिल के कितने क़रीब था, लेकिन अब उनकी ही पार्टी ये बातें भूल गई लगती है.

मोदी ने कहा था, ''कांग्रेस से कोई उम्मीद मत कीजिए. लोकतंत्र उनके स्वभाव में नहीं है. वो परिवारवाद की राजनीति से ज़िंदा हैं और सोचते हैं कि लोग उनकी जेब में हैं.''

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, ''लोकतंत्र को चार दुश्मन हैं - परिवारवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता और मौक़ापरस्ती...दुख की बात है कि कांग्रेस के पास ये सभी चीज़ें हैं.''

मोदी

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मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, ''देश को परिवारवाद और लोकतंत्र में से किसी एक को चुनना पड़ेगा. हम संविधान से चलेंगे या फिर राजकुमार के कहने से?''

लोकसभा चुनावों ने पहले मोदी का दावा था कि भाजपा मिशन पर है और कांग्रेस कमिशन पर. परिवारवाद ने देश को बर्बाद कर दिया है.

लेकिन अपने सबसे बड़े नेता की बातें उत्तर प्रदेश चुनावों में टिकट देते वक़्त भाजपा ने दरकिनार कर दी गई लगती हैं.

मोदी

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वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिए जा रहे हैं और साथ ही चंद महीने पहले दूसरे राजनीतिक दलों से भाजपा में पनाह लेने वालों को भी टिकट से नवाज़ा जा रहा है.

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