कोरिया: किम जोंग-उन की ये तस्वीर जो बन गई इतिहास
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से मुलाक़ात करने के लिए दक्षिण कोरिया पहुंच गए हैं.
साल 1953 में कोरियाई युद्ध के बाद (जब कोरियाई प्रायद्वीप दो हिस्सों में बंट गया था) ये पहला मौक़ा है, जब किसी उत्तर कोरियाई नेता ने दक्षिण कोरियाई ज़मीन पर पैर रखा है.
दोनों नेताओं के बीच शिखर वार्ता पनमुनजोम में बने पीस हाउस में होगी जो दक्षिण कोरिया में पड़ने वाले असैन्य क्षेत्र में मौजूद है.
पनमुनजोम में सैन्य सीमारेखा पार करने के बाद दोनों नेताओं ने कुछ वक्त के लिए उत्तर कोरिया की सीमा में कदम रखा और फिर दक्षिण कोरिया में बने पीस हाउस की तरफ बढ़ गए जहां दोनों के बीच बातचीत होनी है.
कोरियाई सरकारी टेलीविज़न ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें किम जोंग-उन सैन्य सीमारेखा पर करने के बाद बच्चों के साथ दिख रहे हैं.
उत्तर कोरियाई नेता कार से सीमा तक पहुंचे जहां से वो अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ पैदल पीस हाउस तक पहुंचे
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़ मून जे-इन ने किम जोंग-उन से कहा, "मैं आपसे मिलकर खुश हूं."
दोनों नेताओं के बीच बातचीत में उत्तर कोरिया के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत होने की उम्मीद है.
इस वार्ता के लिए उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन अपने साथ एक ख़ास प्रतिनिधिमंडल ले कर गए हैं. माना जा रहा है कि प्रतिनिधिमंडल में जो लोग शामिल हैं वो किम जोंग-उन के भरोसेमंद हैं.
इनके बारे में दक्षिण कोरिया का कहना है कि उन्होंने कभी उत्तर कोरिया के ऐसे वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल का अपने देश में स्वागत नहीं किया है.
दक्षिण कोरिया में लाखों लोगों ने टेलीविज़न पर इस ऐतिहासिक क्षण को देखा. इस मुलाक़ात का सीधा प्रसारण टेलीविज़न पर लाइव किया जा रहा है.
उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में कोरियाई युद्ध के कारण अलग हुए 60,000 लोगों और उनके परिवारों पर भी चर्चा होगी. साथ ही उत्तर कोरिया में हिरासत में रखे गए विदेशियों की रिहाई के बारे में भी चर्चा हो सकती है.
इस मौक़े पर किम जोंग-उन और मून जे-इन ने चीड़ का पेड़ लगाया. इसके लिए दोनों देशों से लाई गई मिट्टी और पानी का इस्तेमाल किया गया.
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