भारत में कोरोना वायरस के 'हॉटस्पॉट' कैसे बने ये 10 इलाक़े

  • गुरप्रीत सैनी
  • बीबीसी संवाददाता
कोरोना का बढ़ता प्रकोप

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भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या और मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहे हैं.

अब तक 1200 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 32 लोगों की मौत हो चुकी है. देश में कुछ इलाके ऐसे हैं जो कोरोना वायरस के 'हॉटस्पॉट' बन गए हैं, यानी यहां दूसरे इलाकों के मुकाबले कहीं ज़्यादा मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन हॉटस्पॉट्स की पहचान की है और स्थिति नियंत्रित करने के लिए ख़ास रणनीति भी बनाई है, ताकि यहां से कम्युनिटी ट्रांसमिशन की संभावना को टाला जा सके.

मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में कहा, "सरकार सुनिश्चित कर रही है कि इन हॉटस्पॉट की ठीक तरह से निगरानी की जाए, ताकि वायरस ना फैले. केंद्र सरकार कोविड-19 के उभरते हॉटस्पॉट की लगातार पहचान कर रही है और वहां कड़ी क्लस्टर नियंत्रण रणनीति लागू कर रही है."

हालांकि लव अग्रवाल ने ज़ोर देकर कहा कि ये एक संक्रमित बीमारी है, इसलिए कोई संख्या निर्धारित नहीं की जाएगी कि इतने संक्रमित लोग होने पर कोई इलाक़ा 'हॉटस्पॉट' घोषित होगा.

"अगर सरकार को लगेगा कि किसी इलाक़े में संक्रमण के बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना है तो सिर्फ एक मामला सामने आने पर भी उस इलाक़े को हॉटस्पॉट घोषित किया जाएगा."

वीडियो कैप्शन, कोरोना वायरस: निज़ामुद्दीन में तबलीगी जमात के 24 लोग संक्रमित, 700 को क्वॉरन्टीन भेजा गया

अब तक कौन-से इलाक़े बने हॉटस्पॉट

आप लगातार ख़बरों में देख-पढ़ रहे होंगे कि दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, गुजरात जैसे राज्यों से कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इन राज्यों में हर जगह कोरोना का प्रकोप है, बल्कि यहां कुछ ख़ास इलाक़े हैं, जहां एक साथ बहुत सारे लोग संक्रमित हो रहे हैं.

ये हॉटस्पॉट हैं - निज़ामुद्दीन, दिलशाद गार्डन,नोएडा, मेरठ, भीलवाड़ा, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, कासरगोड और पथानामथिट्टा.

कोरोना वायरस
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निज़ामुद्दीन, दिल्ली

इस महीने की शुरुआत में हुए एक धार्मिक आयोजन की वजह से दिल्ली का निज़ामुद्दीन इलाक़ा कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इस आयोजन में क़रीब 1700 लोग शामिल हुए थे.

अब इन लोगों में से 24 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और 700 को क्वॉरन्टीन कर दिया गया है.

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दिलशाद गार्डन, दिल्ली

दिल्ली के इस इलाक़े से लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. अबतक दस से ज़्यादा लोग यहां कोरोना संक्रमित मिले हैं.

हाल में यहां एक कोरोना संक्रमित महिला के संपर्क में आने से नौ लोग संक्रमित हो गए थे. दिलशाद गार्डन में कई लोगों को अलग-थलग करके भी रखा गया है.

नोएडा, उत्तर प्रदेश

नोएडा यानी गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश का सबसे ज़्यादा संक्रमित इलाक़ा है. यहां अबतक 38 कोरोना संक्रमित लोग पाए गए हैं. प्रशासन के मुताबिक इनमें ज़्यादातर वो लोग हैं, जो विदेश से यात्रा करके लौटे हैं.

सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा पहुंचे और अधिकारियों पर नाराज़गी जताई. जिसके बाद नोएडा के डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट को बदल दिया गया.

इसके अलावा स्टेट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर और ज्वाइंट डायरेक्टर एपी चतुर्वेदी को ख़ासतौर पर नोएडा में पोस्ट कर दिया गया है, जो स्थिति को मॉनिटर कर रहे हैं. उनके मुताबिक नोएडा में एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाई गई है और कंट्रोल रूम में मैन पावर बढ़ाने की बात चल रही है.

वहीं नोएडा में एक ही कंपनी के 16 कर्मचारियों के पॉज़िटिव पाए जाने पर कंपनी को सील कर दिया गया है और कहा जा रहा है कि कंपनी ने अधिकारियों ने ट्रेवल हिस्ट्री छिपाई और वापस आकर साथ काम करने वाले लोगों को संक्रमित किया. प्रशासन ने कंपनी पर एफ़आईआर भी दर्ज की गई है.

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मेरठ, उत्तर प्रदेश

अकेले मेरठ में कोरोना वायरस से संक्रमित अब तक 19 लोग सामने आए हैं.

बताया जा रहा है कि दिल्ली के निज़ामुद्दीन में हुई तबलीगी जमात में भी मेरठ के कुछ लोग शामिल थे.

रविवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ही परिवार के पांच सदस्यों के कोरोना संक्रमित पाए जाने का मामला ख़बरों में छाया रहा.

मेरठ के सीएमओ के मुताबिक इस परिवार का एक शख़्स तीन घरों में भी गया था, इसलिए इलाक़े के 50 अन्य लोगों का भी कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.

वीडियो कैप्शन, कोरोना और लॉकडाउन के दौर में मदद करने वाले हाथ

भीलवाड़ा, राजस्थान

राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह से प्रभावित ज़िलों में से एक है.

राजस्थान में 30 मार्च तक 83 पॉज़िटिव मामले सामने आए, जिनमें से 26 अकेले भीलवाड़ा के थे.

दो लोगों की मौत भी हुई है, हालांकि डॉक्टर्स ने इनकी मौत का कारण अन्य बीमारियां भी बताया है.

वहां स्थिति को संभालने के लिए सरकार ने अतिरिक्त संसाधन लगा दिए हैं और दूसरे इलाक़ों से ज़्यादा सख़्ती बरती जा रही है.

2 हज़ार मेडिकल टीमों से ज़िले भर के लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई है.

3 से 13 अप्रैल तक ज़रूरी सामानों की दुकानों समेत सबकुछ पूरी तरह से बंद रखने का आदेश दिया गया है. यहां तक कि मीडियाकर्मियों पर भी बैन है .

ज़िला कलेक्टर के मुताबिक ज़रूरत पड़ने पर सेना भी बुलाई जा सकती है.

वीडियो कैप्शन, सरकारी प्रतिबंध को अनदेखा करके बड़ी संख्या में लोग शुक्रवार की नमाज़ पढ़ने घरों से निकले.

अहमदाबाद, गुजरात

गुजरात में अबतक कोरोना से छह लोगों की मौत हुई है, जिनमें से तीन मौते अकेले अहमदाबाद में हुई है.

अहमदाबाद में फिलहाल 23 लोग कोरोना पॉज़िटिव हैं, जिनमें से 14 विदेश से आए थे, दो दूसरे राज्यों से आए थे और सात लोकल संक्रमण की वजह से प्रभावित हुए.

इसे देखते हुए प्रशासन मुस्तैद हो गया है. ड्रोन से पेट्रोलिंग हो रही है, सीआरपीएफ़ की टीम आ चुकी है.

ज़रूरत के सामान लोगों के घरों तक ही पहचाने की कोशिशें हो रही हैं और 1200 बेड का केविड हॉस्पिटल तैयार किया गया है.

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मुंबई, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में कोरोना के दूसरे नंबर पर सबसे ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 302 पर पहुंच गई है, जिनमें से करीब 151 मुंबई के मामले हैं. सोमवार को मुंबई में दो लोगों की मौत भी हो गई.

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई कोविड-19 के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित हुई है.

ख़बरों के मुताबिक मंगलवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 17 नए मामले सामने आए, जिनमें से आठ मुंबई के हैं और पांच पुणे के बताए जा रहे हैं.

मुंबई में नगर निगम ने कोरोना प्रभावित इलाकों में जीआईएस मैपिंग शुरू कर दी है.

एक प्रेस विज्ञप्ति में बीएमसी कमिशनर प्रवीण परदेशी ने बताया कि जिन इलाक़ों में कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले हैं, उनका नक्शा सिविक बॉडी की वेबसाइट पर लगाया जाएगा.

इन नक्शों की मदद से इलाक़ों में रहने वाले लोग सावधानियां बरत सकेंगे और किसी काम के लिए उन जगहों पर जाने वाले लोग भी बचने के उपाय करेंगे.

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पुणे, महाराष्ट्र

पुणे में कोरोना वायरस से मौत का पहला मामला सामने आया है. दो और मरीज़ों की हालत गंभीर है, जिन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है.

लगातार मामले बढ़ने के साथ ही पुणे में करोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा करीब 43 हो गया है.

कासरगोड, केरल

दो दिन पहले केरल के उत्तर में स्थित ज़िले, कासरगोड में एक दिन में ही 34 लोगों में कोरोना की पुष्टी हुई.

इनमें से ज़्यादातर दुबई से लौटे लोग थे और बाकी कोरोना संक्रमित शख़्स के संपर्क में आए थे. अकेले कासरगोड में 78 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं.

केरल के मुख्यमंत्री के मुताबिक कोरोना संक्रमित एक नेता कासरगोड से यात्रा करते हुए त्रिवेंद्रम आया था और वहां जाकर कई विधायकों, बड़े नेताओं समेत बहुत से लोगों से मिला.

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि सबसे ज़्यादा मामलों वाले कासरगोड ज़िले के लिए कन्नुर मेडिकल हॉस्पिटल को कोरोना हॉस्पिटल बना दिया गया है, जिसमें दो सौ बेड, 40 आईसीयू बेड और 15 वेंटिलेटर हैं. यहां टेस्टिंग बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं.

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पथानामथिट्टा, केरल

केरल सरकार की वेबसाइट के मुताबिक पथानामथिट्टा में 28 से ज़्यादा लोग पॉज़िटिव हैं, जिनका इलाज चल रहा है.

यहां करीब साढ़े सात हज़ार लोगों को निगरानी में रखा गया है. 7,467 लोगों को घर पर ही अलग-थलग करके रखा गया है.

हालांकि पथानामथिट्टा में इलाज करा रहे एक ही परिवार के पांच लोगों को ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और परिवार के दो बुजुर्ग भी ठीक हो गए हैं, जिन्हें जल्द डिसचार्ज किया जाएगा.

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हॉटस्पॉट की पहचान करने से रणनीति में मिलेगी मदद

केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट बन चुके इलाक़ों की पहचान कर वहां ख़ास कदम उठा रही है.

इन इलाक़ों का और कड़ा सर्विलांस किया जा रहा है और लॉकडाउन का पालन कराने की वहां ज़्यादा कड़ी कोशिशें की जा रही हैं और ज़रूरत पड़ने पर आगे बढ़कर ज़रूरी सुविधाएं तक बंद की जा रही हैं.

इन हॉटस्पॉट्स की पहचान से सरकारें चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ने की कोशिश करेगी, इसलिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर विशेष टीमें बनाई हैं, ताकि वो वक्त-वक्त पर इसका फीडबैक ले सके और आगे की रणनीति बना सके.

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि हॉटस्पॉट वाले इलाक़ों में टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, हालांकि टेस्टिंग तय प्रोटोकॉल के तहत ही की जाएगी.

केंद्र सरकार ने कोविड-19 के रिसपॉन्स के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल और प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के प्रो. विजय राघवन की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन भी किया गया है.

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