पाकिस्तान के पेट्रोल पंपों पर कल क्यों थी भीड़?
पाकिस्तान में पेट्रोल पर कमीशन बढ़ाने के मुद्दे पर देश के पेट्रोल पंपों ने गुरुवार से हड़ताल की अपील की थी जिसके मद्देनज़र बुधवार से ही पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी क़तारें देखी जा गई.
इस बीच पाकिस्तान के केंद्रीय ऊर्जा मंत्री हमाद अज़हर ने पेट्रोल पंप मालिकों से अपील की है कि वे लोगों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए अपने फ़ैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था.
अब पेट्रोलियम डीलरों ने हड़ताल वापस ले ली है.
मंत्री ने पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन को आश्वासन दिया था कि पेट्रोल पर लाभ मार्जिन में वृद्धि की उनकी मांग का सारांश आर्थिक समन्वय समिति को भेज दिया गया है, जिस पर अगली बैठक में विचार किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पंपों की हड़ताल की आड़ में कुछ समूह (लाभ मार्जिन के मामले में) नौ रुपये की वृद्धि चाहते थे.
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की सभी जायज मांगों पर विचार किया जाएगा.
पाकिस्तान के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 25 नवंबर को सरकार से पेट्रोल पर रिटर्न की दर बढ़ाने की मांग की और हड़ताल की घोषणा की थी.
लंबी कतारें
हड़ताल गुरुवार से शुरू होनी थी, लेकिन बुधवार रात से देश के ज्यादातर पेट्रोल पंप बंद हैं और जिन पंपों पर पेट्रोल उपलब्ध है वहां उपभोक्ताओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं.
ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, हड़ताल के बावजूद देशभर में पीएसओ, शेल, हेस्कोल और गो कंपनियों के पेट्रोल पंप खुले रहेंगे.
पाकिस्तान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की दलील थी कि सरकार वादों के बावजूद पेट्रोल की बिक्री से उनके मुनाफ़े को बढ़ाने में विफल रही है, और इसलिए वो हड़ताल पर जाना चाहते थे.
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पेट्रोलियम उत्पादों पर 'डीलर मार्जिन' पेट्रोल पंप का संचालन करने वाले व्यक्ति या कंपनी का प्रति लीटर लाभ है. पाकिस्तान में वर्तमान में पेट्रोलियम उत्पादों पर कई तरह के कर हैं, जिसमें सरकारी करों के अलावा डीलर का मार्जिन (या शेयर) और तेल विपणन कंपनियों का मार्जिन के साथ-साथ अंतर्देशीय माल ढुलाई का खर्च शामिल है.
वर्तमान में, पेट्रोल की रिफाइनरी पूर्व क़ीमत 125.27 रुपये प्रति लीटर है, इसके बाद पेट्रोलियम विकास शुल्क में 9.62 रुपये का मार्जिन शामिल है. इसके अलावा इनलैंड फ्राइट के लिए 4.5 रुपये मार्जिन है. इसके अलावा और भी टैक्स हैं. इन सबके बाद एक आम उपभोक्ता को पेट्रोल 145.82 रुपये प्रति लीटर मिलता है.
तेल क्षेत्र के विश्लेषक अरसलान हनीफ़ ने कहा कि फिलहाल पेट्रोल पर 3.91 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.30 रुपये प्रति लीटर डीलर मार्जिन है.
उन्होंने कहा कि देश में रोजाना 50,000 मीट्रिक टन पेट्रोल और डीजल की खपत होती है.
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता नोमन बट कहते हैं कि पिछले तीन वर्षों में पेट्रोल पर उनका मार्जिन नहीं बढ़ा है, लेकिन दूसरी ओर, पिछले तीन वर्षों में सभी ख़र्चे बढ़े हैं और पेट्रोल पंपों की लागत आसमान छू रही है, जिससे उनके लिए कारोबार करना मुश्किल हो रहा है.
उन्होंने कहा कि देश में महंगाई को मापने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर नज़र डालें तो महंगाई की दर बढ़ रही है और इससे पेट्रोल पंप संचालकों के खर्चे को पूरा करने के लिए मुनाफ़े में इज़ाफ़ा करना लाजमी हो गया है.
हालांकि विश्लेषक अरसलान हनीफ ने कहा कि इस साल मार्च में डीलर मार्जिन में बढ़ोतरी हुई है.
पाकिस्तान में तेल और गैस के नियामक ओजीआरए के अनुसार इस साल जनवरी में पेट्रोल पर डीलर का मार्जिन 3.70 रुपये प्रति लीटर था, जो अब 3.91 रुपये प्रति लीटर है, यानी इसमें 21 पैसों की वृद्धि हुई है.
भारत में डीलर मार्जिन कितना है?
विश्लेषक अरसलान हनीफ़ के मुताबिक भारतीय रुपये में एक लीटर पेट्रोल पर डीलर मार्जिन 3.90 रुपये है जो पेट्रोल के खुदरा मूल्य का 4 फीसदी है और डीज़ल पर मार्जिन 2.6 रुपये प्रति लीटर है जो इसके खुदरा मूल्य का 3 फीसदी है.
पाकिस्तान में पेट्रोलियम डीलर तेल उत्पादों पर 6 फीसदी डीलर मार्जिन की मांग कर रहे हैं, जो भारत की तुलना में अधिक होगा.
अरसलान कहते हैं कि अगर डीलर मार्जिन बढ़ कर छह फीसदी हो जाता है, तो इसका मतलब है कि पेट्रोल और डीजल की मौजूदा कीमत को देखते हुए यह आठ रुपये प्रति लीटर से अधिक होगा.
पाकिस्तान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल सामी खान ने कहा कि उन्होंने पहले 5 नवंबर को हड़ताल की घोषणा की थी, लेकिन सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा.
सामी कहते हैं, "इस संबंध में, सचिव पेट्रोलियम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसमें सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ डीलरों के प्रतिनिधि भी शामिल थे और हमें बताया गया था कि इस पर चर्चा से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा."
उन्होंने दावा किया कि "सरकार ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया, जिससे पेट्रोलियम डीलरों को हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ा."
सामी ख़ान के अनुसार, बिजली की कीमतों के अलावा, सरकारी करों और कर्मचारियों के वेतन सहित, डीलरों के खर्च आसमान छू गए हैं, जिससे डीलरों के लिए अपना मार्जिन बढ़ाना मजबूरी हो गया है۔
डीलर मार्जिन बढ़ाने से उपभोक्ताओं को क्या होगा नुक़सान?
पाकिस्तान में उपभोक्ता वर्तमान में देश के इतिहास में सबसे अधिक क़ीमतों पर तेल उत्पाद ख़रीद रहे हैं. देश में डीज़ल और पेट्रोल के दाम फिलहाल 142.62 रुपए और 145.82 रुपए प्रति लीटर हैं.
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की क़ीमत बढ़ रही है और इसका सीधा असर तेल के दामों पर हो रहा है. सरकार ये बोझ ग्राहकों पर ही डाल रही है.
पाकिस्तान की राष्ट्रीय मुद्रा के कमज़ोर होने की वजह से भी पाकिस्तानी लोगों को तेल महंगा पड़ रहा है. पाकिस्तान अपनी ज़रूरत का अस्सी फ़ीसदी तेल आयात करता है.
डीलर मार्जिन में वृद्धि की मांग ऐसे समय में आई है जब सरकार ख़ुद आईएमएफ़ की शर्तों के तहत पेट्रोलियम लेवी बढ़ाने जा रही है और वित्त सलाहकार के मुताबिक़ उसे इसे 4 रुपये प्रति लीटर प्रति माह बढ़ाकर 30 रुपये प्रति लीटर तक करना होगा.
अरसलान हनीफ़ ने कहा कि अगर सरकार डीलरों की मांग पर मार्जिन बढ़ाती है तो यह सीधे तौर पर उपभोक्ताओं से ही वसूला जाएगा. अगर सरकार छह फीसदी की मांग मानती है तो इसका मतलब है कि डीलर का मार्जिन 8 रुपये प्रति लीटर से ऊपर होगा, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल विश्व बाजार में कच्चे तेल की क़ीमतों में थोड़ी कमी आई है और अगर सरकार पेट्रोलियम लेवी नहीं बढ़ाती है तो मार्जिन में कुछ बढ़ोतरी की स्थिति में डीलरों को सुविधा दी जा सकती है.
दूसरी ओर, ओजीआरए ने कहा है कि कुछ तत्व डीलरों के मार्जिन को बढ़ाने के लिए पेट्रोल की आपूर्ति को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे.
ओजीआरए ने सभी तेल विपणन कंपनियों को सभी आउटलेट्स पर पेट्रोलियम उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. ओजीआरए का कहना है कि आपूर्ति बाधित करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.
'पेट्रोल पंप पर कयामत का दिन'
सत्ताधारी पार्टी पीटीआई ने हड़ताल का हिस्सा नहीं बनने के लिए ट्विटर पर पीएसओ, शेल, गो और हेसकोल को धन्यवाद दिया है. विभिन्न शहरों में ज़िला प्रशासन और सरकारी अधिकारी उन पेट्रोल पंपों की सूची साझा कर रहे हैं जो हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं.
लेकिन 'पेट्रोल' इस समय पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड है. ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान के लोग इस समय पेट्रोल के दामों को लेकर सबसे अधिक चिंतित हैं.
उपभोक्ता साद कैसर तंज कसती हैं, "हड़ताल के कारण हर पेट्रोल पंप पर लंबी कतार है. हमारे लोग पेट्रोल की क़ीमतों में बढ़ोतरी का बहिष्कार नहीं करेंगे. लेकिन हम घंटों तक लाइनों में खड़े होकर इंतज़ार कर लेंगे."
वहीं अपनी कार में ईंधन भरने निकले फैसल रफ़ी कहते हैं, "लोग ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे ज़मीन पर पेट्रोल ख़त्म हो गया हो. गैस स्टेशनों पर झगड़े, लंबी कतारें और अराजकता होती है. मानो क़यामत की घड़ी आ गई हो." उन्हें उम्मीद है कि एक-दो दिन में जनजीवन सामान्य हो जाएगा.
एक और बात यहां लगभग सभी ने महसूस की. दूसरों की देखादेखी लोग अपनी गाड़ियों की टंकियां फुल करा रहे थे.
पेट्रोल डलवाने आईं आलिया जावेद का कहना है कि शाम को माहौल में कोहराम मच गया.
वो कहती हैं, "मुझे इस बात की चिंता थी कि मुझे कुछ पेट्रोल क्यों नहीं मिल रहा है. मैं अपने पहले से भरे हुए टैंक को फिर से भरना चाहती थी."
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