संजय राउत की भाषा के कारण शिवसेना सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई है: बाग़ी विधायक दीपक केसरकर

शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन,

शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर

शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने पार्टी सांसद संजय राउत की आलोचना की है.

दीपक केसरकर ने कहा है कि संजय राउत की भाषा के कारण ही शिवसेना को सत्ता गंवानी पड़ रही है.

एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की गुजरात में हुई मुलाकात से संबंधित रिपोर्टों पर दीपक केसरकर ने बीबीसी मराठी के संपादक आशीष दीक्षित और बीबीसी संवाददाता मयंक भागवत को बताया, "हमने एकनाथ शिंदे को सभी अधिकार दिए हैं. उन्हें (एकनाथ शिंदे) पूरा अधिकार दिया गया है. वे बीजेपी से बात कर सकते हैं. वे अपनी पार्टी से बात कर सकते हैं और जो चाहें कर सकते हैं. लेकिन वह जो भी फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं."

'बाग़ी विधायक गुवाहाटी में कब तक रहेंगे, कभी तो चौपाटी आएंगे...', संजय राउत के इस बयान पर उन्होंने कहा, "जब संजय राउत साहेब बोलते हैं, तो एक भाषा होती है जो लोगों को पसंद आती है. लोग अभद्र भाषा पसंद करते हैं. लेकिन सच तो यह है कि ये लोकतंत्र का मंदिर है और इसका नाम विधानसभा है. उस विधानसभा में ये तय होता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा और महाराष्ट्र पर कौन शासन करेगा."

उन्होंने आगे कहा, "इसलिए उन्हें चौपाटी की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि इस भाषा को बोलकर शिवसेना सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई है. कुछ हद तक यह अभद्र भाषा भी उसका कारण बनती है. बालासाहेब के नेतृत्व में 40-50 वर्षों तक काम करने वाले लोगों से आज आप जिस तरह से बात करते हैं, क्या वो शोभा देती है?"

एकनाथ शिंदे

इमेज स्रोत, ANI

एकनाथ शिंदे ने तत्काल हस्तक्षेप की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

शिवसेना में बागी विधायकों की अगुआई कर रहे एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

बीबीसी के सहयोगी पत्रकार सुचित्र मोहंती के मुताबिक़ एकनाथ शिंदे ने याचिका में मांग की है कि विधायकों को अयोग्य करार देने की प्रक्रिया शुरू करने का नोटिस, अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और विधायक दल के नेता के चयन के तीन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट तुरंत हस्तक्षेप करे.

याचिका में शिंदे के स्थान पर अजय चौधरी को सदन में शिवसेना के विधायक नेता के रूप में नियुक्त करने को भी चुनौती दी गई है.

जस्टिस सूर्य कांत के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच एकनाथ शिंदे की याचिका पर 27 जून को सुनवाई करेगी. जस्टिस सूर्य कांत के अलावा इस बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला भी हैं.

इससे पहले शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने मीडिया को बताया था, "महाराष्ट्र में जो राजनीतिक परिस्थिति बनी हुई है. वो अब सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं है, क़ानूनी लड़ाई भी शुरू हो गई है. पार्टी के कई विधायक असम में रह रहे हैं, उनके खिलाफ हमने क़ानूनी कार्रवाई शुरू की है. लगभग 16 विधायकों को नोटिस भेज दिया गया है."

शरद पवार

इमेज स्रोत, ANI

'आख़िरी वक़्त तक उद्धव ठाकरे सरकार का समर्थन करना जारी रखेंगे'

छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर (Dinbhar)

वो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख़बरें जो दिनभर सुर्खियां बनीं.

दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर

समाप्त

महाराष्ट्र के ताज़ा राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने एक बार फिर साफ़ किया है कि वे उद्धव ठाकरे की सरकार का आख़िरी वक़्त तक समर्थन करना जारी रखेंगे.

शरद पवार ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ बाग़ी हुए विधायकों पर एनसीपी से परेशान होने की बात को महज़ एक बहाना क़रार दिया है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने पवार के हवाले से बताया है, "एकनाथ शिंदे और उनके साथ (गुवाहाटी) गए अन्य विधायकों ने एक नया गठबंधन बनाने की बात कही है, लेकिन एनसीपी और कांग्रेस की नीति अपने गठबंधन की सरकार का समर्थन करने को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है."

उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार है और हम इसका समर्थन करना जारी रखेंगे. हमारी पार्टी का पूरा समर्थन सीएम उद्धव ठाकरे के साथ है."

शरद पवार ने कहा, "एकनाथ शिंदे और दूसरे विधायक सरकार में एनसीपी के साथ थे. उन्हें पिछले 2.5 साल में कोई परेशानी नहीं हुई. ऐसा आज ही क्यों हुआ? यह केवल एक बहाना है. हम आख़िरी वक़्त तक सीएम उद्धव ठाकरे का समर्थन करते रहेंगे."

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को यशवंत सिन्हा के होने वाले नामांकन में साथ देने के लिए वे दिल्ली आए हैं.

संजय राउत

इमेज स्रोत, ANI

शिवसेना के बाग़ी विधायकों पर संजय राउत का तंज

महाराष्ट्र में शिवसेना के भीतर चल रहे राजनीतिक संकट के बीच पार्टी नेता संजय राउत ने गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मौजूद बाग़ी विधायकों पर तंज़ कसा है.

बाग़ी विधायकों के बारे में मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने रविवार को कहा, "उन्हें मुंबई तो आना पड़ेगा न. वहां बैठकर हमें क्या सलाह और मार्गदर्शन कर रहे हो. शिवसैनिक ज़मीन पर हैं, हज़ारों लाखों शिवसैनिक. हमारे इशारे का इंतज़ार है, लेकिन हमने अभी भी संयम रखा है."

अपने ट्विटर हैंडल से उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में."

वहीं, पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा, "कोई शक्ति प्रदर्शन करता है, कोई और कुछ करता है, उस पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है. जो होना है, वो होने दो. जो करना है, उन्हें करने दो. लोग भरोसा जो है, वो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर ही रखेंगे."

उन्होंने कहा, "उद्धव जी ने कहा है कि जो लोग बाहर गए हैं, वे शिवसेना नाम का इस्तेमाल न करें. लोग ठाकरे का फ़ोटो इस्तेमाल करेंगे, हम बालासाहेब ठाकरे के भक्त हैं बोलेंगे. लेकिन बाला साहेब ठाकरे के भक्त इस तरह से पीठ में खंज़र नहीं घोपेंगे."

संजय राउत के अलावा पार्टी नेता आदित्य ठाकरे ने भी गुवाहाटी में मौजूद बाग़ी विधायकों पर हर रोज़ 9 लाख रुपए ख़र्च किए जाने को लेकर प्रहार किया है. ठाकरे ने कहा कि असम में बाढ़ होने के बावज़ूद लोगों को उनकी क़िस्मत पर छोड़ दिया गया है और विधायकों के रहने-खाने पर इतना भारी ख़र्च किया जा रहा है.

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े का दावा है कि उनके पाले में पार्टी के 38 विधायक हैं.

आदित्य ठाकरे

इमेज स्रोत, ANI

'बाढ़ पीड़ित असम में शिवसेना के बाग़ी विधायकों पर रोज़ाना लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं'

महाराष्ट्र के मंत्री और सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अपनी पार्टी के बाग़ी विधायकों को असम में शरण देने पर वहां की बीजेपी सरकार की आलोचना की है. वो सांताक्रूज के कलिना में रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, आदित्य ठाकरे ने मुंबई में कहा, "दुख है कि जिस असम में बाढ़ आई है. जहां लोगों के लिए रहने के लिए जगह नहीं है, वहां विधायकों पर नौ लाख रुपये हर रोज़ ख़र्च किए जा रहे हैं. ये बात लोगों को सोचनी चाहिए. इस देश में लोकतंत्र है या नहीं, यह भी सोचना ज़रूरी है, क्योंकि यह इसको विकल्प की तरह ले रहे हैं."

आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया है कि विधायकों की ख़ातिर असम के बाढ़ पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.

उन्होंने दावा किया कि पहली बार कोई विपक्षी दल सत्ताधारी पार्टी को छोड़ने के लिए किसी धड़े का समर्थन कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि विधायकों को गुवाहाटी 'ज़बरदस्ती' ले जाया गया है.

आदित्य ठाकरे ने कहा, "महाराष्ट्र में पिछले दो-चार दिनों से जो हो रहा है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि जो छोड़कर चले गए, वो भले ही चले गए... पूरे देश ने देखा कि कोरोना के दौरान जिस शख़्स ने सबसे ज़ोरदार काम किया, उन्हें अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया."

उन्होंने आगे कहा, "कई लोगों ने मुझे बताया कि कई नेता आए लेकिन उद्धव ठाकरे जैसा कोई भी सीएम नहीं था... आख़िर बाग़ी विधायक पहले सूरत, फिर गुवाहाटी क्यों गए? पार्टी तोड़ने के लिए? लेकिन लगता है कि कई विधायकों को ज़बरदस्ती ले जाया गया है. मेरे संपर्क में 10 से 15 विधायक हैं और वे इसे साबित कर सकते हैं."

सुरक्षा

इमेज स्रोत, Getty Images

शिवसेना के 15 बाग़ी विधायकों को वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा

एकनाथ शिंदे गुट के बाग़ी विधायकों में से 15 विधायकों को केंद्र सरकार ने वाई-प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने का फ़ैसला किया है.

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में क़रीब 37 विधायकों का एक समूह गुवाहाटी के एक होटल में मौजूद है. इससे पहले शनिवार को एकनाथ शिंदे के घर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी.

छोड़िए Twitter पोस्ट, 1
Twitter सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में Twitter से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Twitter cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

पोस्ट Twitter समाप्त, 1

मीडिया में आ रही ख़बरों के मुताबिक़, बाग़ी विधायकों के घरों पर संबंधित सुरक्षाकर्मी तैनात भी हो गए हैं.

इस बीच ख़बर यह भी है कि गुवाहाटी के होटल में मौजूद बाग़ी विधायकों की बैठक चल रही है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जा सकती है.

छोड़िए Twitter पोस्ट, 2
Twitter सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में Twitter से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Twitter cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

पोस्ट Twitter समाप्त, 2

कैसी होती है ज़ेड और वाई श्रेणी?

वाई श्रेणी में सुरक्षाकर्मियों की संख्या 11 होती है. जिनमें दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफ़िसर्स (पीएसओ) शामिल होते हैं.

वाई-प्लस श्रेणी में एक एस्कॉर्ट वाहन और निजी सुरक्षाकर्मी के अतिरिक्त आवास पर एक गार्ड कमांडर और चार गार्ड तैनात रहते हैं.

इन गार्डों में एक सब-इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी होता है जबकि तीन अन्य सुरक्षाकर्मियों के पास स्वचालित हथियार होते हैं.

संजय राउत

इमेज स्रोत, Getty Images

संजय राउत ने दी चुनौती

शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र में बाग़ी विधायकों के ख़िलाफ़ आक्रामक रुख़ बरक़रार रखते हुए कहा है कि शिवसेना में 'बाप बदलने का प्रोसेस नहीं है.'

मुंबई में रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, "उद्धव जी ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं वो शिवसेना के नाम का इस्तेमाल ना करें और अपने बाप के नाम का इस्तेमाल करें और वोट माँगें."

छोड़िए Twitter पोस्ट, 3
Twitter सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में Twitter से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Twitter cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

पोस्ट Twitter समाप्त, 3

उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में उद्धव सरकार है और रहेगी, इसलिए वे लोग मुंबई नहीं आ रहे हैं. अगर एकनाथ शिंदे के पास इतना समर्थन है और वो मुख्यमंत्री बन रहे हों तो वो मुंबई आएं. मैं खुद एयरपोर्ट जाकर उनका स्वागतत करूंगा."

"एक नेता कह रहे हैं कि गुवाहाटी में पहाड़ है , पेड़ है, होटल सुंदर है तो क्या महाराष्ट्र में श्मशान है? किसी का नाम लिए बिना संजय राउत ने कहा कि मैं उन नेता से कहना चाहूंगा कि महाराष्ट्र आइए, यहां भी वो सबकुछ है."

संजय राउत ने दावा किया कि पांच विधायक वापस आना चाहते है, मगर उन्हें ज़बरदस्ती रोका जा रहा है.

उन्होंने कहा, "विधायकों को वहां ज़बरदस्ती रखा गया है और अब तो होटल में स्टे भी 30 तारीख़ तक बढ़ा दिया गया है. हमने भी होटल में रहने के लिए 20 कमरे मांगे, ताकि विधायकों से बात की जा सके तो हमें वहाँ कमरे देने से मना कर दिया गया."

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "वे शिवसैनिकों को ग़ुलाम बनाकर रखना चाहते हैं. वे बाला साहब की शिवसेना को समाप्त करना चाहते हैं."

संजय राउत ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि दिल्ली में सुपर-पावर है तो वो जान ले कि सुपरपावर महाराष्ट्र में है.

एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे का नया ट्वीट

पिछले तीन दिनों से 37 शिवसेना विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी शहर में डेरा डाले महाराष्ट्र के बाग़ी मंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार रात को ट्वीट कर कहा है कि उनकी यह लड़ाई शिवसेना और शिव-सैनिकों को महाविकासअघाड़ी के चंगुल से आज़ाद कराने की है.

छोड़िए Twitter पोस्ट, 4
Twitter सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में Twitter से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Twitter cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

पोस्ट Twitter समाप्त, 4

एकनाथ शिंदे ने लिखा, "प्यारे शिव सैनिकों, अच्छी तरह से समझिए, मैं शिव सेना और शिव सैनिकों को एमवीए (महाविकास अघाड़ी गठबंधन) ड्रैगन के पंजों से आज़ाद कराने के लिए लड़ रहा हूं. यह लड़ाई आपके हित को समर्पित है."

छोड़िए Twitter पोस्ट, 5
Twitter सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में Twitter से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Twitter cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

पोस्ट Twitter समाप्त, 5

शनिवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई. इसमें एकनाथ शिंदे के गुट को जवाब देने के लिए कुल 6 प्रस्ताव पारित किए गए हैं. इसके ज़रिए बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

उद्धव ठाकरे

इमेज स्रोत, ANI

लाइन

शिवसेना द्वारा पारित 6 प्रस्ताव इस प्रकार हैं-

लाइन
  • जब से उद्धव ठाकरे ने शिवसेना प्रमुख के रूप में पार्टी की बागडोर संभाली है, उन्होंने शिवसैनिकों को प्रभावी नेतृत्व दिया है. उन्हें भविष्य में भी पार्टी का मार्गदर्शन करते रहना चाहिए.
  • कार्यकारिणी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे के प्रभावशाली प्रदर्शन और देश और दुनिया भर में हासिल की गई उपलब्धि पर गर्व है.
  • कार्यकारिणी महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत चुनाव पूरे जोश के साथ लड़ने और हर जगह शिवसेना का भगवा झंडा फहराने के लिए कटिबद्ध है.
  • कार्यकारिणी मुंबई शहर और उपनगरों, तटीय सड़कों, मेट्रो रेल मार्गों, विभिन्न सौंदर्यीकरण परियोजनाओं और ऋण माफी जैसे जनहित वाले फ़ैसलों के लिए महाराष्ट्र सरकार और मुंबई नगर निगम को धन्यवाद देती है.
  • शिवसेना और बालासाहेब एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और उन्हें अलग नहीं किया जा सकता है और कोई भी ऐसा नहीं कर सकता है इसलिए बालासाहेब ठाकरे नाम का इस्तेमाल शिवसेना पार्टी के अलावा कोई भी नहीं कर सकता है.
  • शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की है और रहेगी. शिवसेना हिंदुत्व के विचारों के प्रति ईमानदार थी और रहेगी. शिवसेना ने महाराष्ट्र की अखंडता और मराठी लोगों की पहचान के लिए कभी धोखा नहीं दिया और न कभी धोखा देगी. शिवसेना प्रमुख उद्धव साहब ठाकरे को यह अधिकार दिया जा रहा है कि जो भी शिवसेना को धोखा देगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो.
लाइन

ये भी पढ़ें

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)