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लाइव रिपोर्टिंग

रिपोर्टर- प्रियंका झा और चंदन शर्मा

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  1. संगरूर उपचुनाव में मिली जीत पर बोले सिमरनजीत सिंह मान- ये भिंडरांवाले की तालीम की जीत है

    सिमरनजीत सिंह मान

    शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान ने संगरूर लोकसभा सीट जीतने के बाद अपनी जीत का श्रेय अपने कार्यकर्ताओं और जरनैल सिंह भिंडरांवाले की तालीम की जीत को दिया है.

    सिमरनजीत सिंह मान ने आगे कहा कि जरनैल सिंह भिंडरांवाले ने शांतिपूर्ण संघर्ष के ज़रिए जीने का जो रास्ता बताया था, यह उसी की जीत है.

    उन्होंने दावा किया, ''हमने कांग्रेस, अकाली दल और आप जैसी सभी प्रमुख पार्टियों की कमर तोड़ दी है. और इस जीत का असर विश्व राजनीति पर भी पड़ेगा. लंबे अरसे के बाद उनकी पार्टी की जीत हुई है. लोगों का साहस ऊंचा है और वे चुप नहीं बैठेंगे.''

    जरनैल सिंह भिंडरांवाले: सिख संत से खालसा चरमपंथी तक

    कैसे थे जरनैल सिंह भिंडरांवाले की ज़िंदगी के आख़िरी पल

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    दीप सिद्धू और सिद्धू मूसेवाला को भी किया याद

    सिमरनजीत सिंह मान ने फरवरी में हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले अभिनेता दीप सिंह सिद्धू और मई में गोली मारकर हत्या किए गए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को भी याद किया.

    उन्होंने कहा, ''दीप सिंह सिद्धू और सिद्धू मूसेवाला ने अपनी जो गवाही दी, जिससे पूरी दुनिया में सिख समुदाय को फायदा हुआ है. भारत में अब सिख समुदाय के साथ वैसा व्यवहार नहीं हो सकता जैसा कि मुसलमानों के साथ होता है.''

    सिमरनजीत सिंह मान ने रविवार को आए चुनावी परिणाम में आम आदमी पार्टी के गुरमेल सिंह को 5,822 मतों से हराकर संगरूर लोकसभा सीट जीत ली.

    इस साल मार्च में पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के बाद भगवंत मान के इस्तीफ़े के बाद यह सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर 23 जून को मतदान हुआ था.

    सिमरनजीत सिंह मान इससे पहले 1989 और 1999 में दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. इस तरह अब 23 साल बाद वे लोकसभा जाएंगे.

  2. महाराष्ट्र संकट पर ओवैसी बोले- 'बंदरों का नाच' चल रहा है

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    Video caption: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पर असदुद्दीन ओवैसी ने तंज़ कसा है.

    महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पर असदुद्दीन ओवैसी ने तंज़ कसा है.

    AIMIM के सांसद ओवैसी ने इसे ‘बंदरों का नाच’ बताया है. उन्होंने इसे महाविकास अघाड़ी का अंदरूनी मामला बताया. महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन के प्रमुख दल शिवसेना में टूट देखने को मिल रही है.

    शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ कई विधायक हैं.

  3. 'संजय राउत की भाषा के कारण शिवसेना सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई है'

    शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर
    Image caption: शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर

    शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने पार्टी सांसद संजय राउत की आलोचना की है.

    दीपक केसरकर ने कहा है कि संजय राउत की भाषा के कारण ही शिवसेना को सत्ता गंवानी पड़ रही है.

    एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की गुजरात में हुई मुलाकात से संबंधित रिपोर्टों पर दीपक केसरकर ने बीबीसी मराठी के संपादक आशीष दीक्षित और बीबीसी संवाददाता मयंक भागवत को बताया, "हमने एकनाथ शिंदे को सभी अधिकार दिए हैं. उन्हें (एकनाथ शिंदे) पूरा अधिकार दिया गया है. वे बीजेपी से बात कर सकते हैं. वे अपनी पार्टी से बात कर सकते हैं और जो चाहें कर सकते हैं. लेकिन वह जो भी फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं."

    'बाग़ी विधायक गुवाहाटी में कब तक रहेंगे, कभी तो चौपाटी आएंगे...', संजय राउत के इस बयान पर उन्होंने कहा, "जब संजय राउत साहेब बोलते हैं, तो एक भाषा होती है जो लोगों को पसंद आती है. लोग अभद्र भाषा पसंद करते हैं. लेकिन सच तो यह है कि ये लोकतंत्र का मंदिर है और इसका नाम विधानसभा है. उस विधानसभा में ये तय होता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा और महाराष्ट्र पर कौन शासन करेगा."

    'संजय राउत की भाषा के कारण शिवसेना सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई है'

    शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर

    बागी शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर द्वारा महाराष्ट्र के बागी विधायकों के खिलाफ जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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  4. भारत से 1.8 लाख टन गेहूं ख़रीदने का मिस्र ने किया क़रार

    गेहूं

    मिस्र के आपूर्ति मंत्री अली मोसेली ने रविवार को बताया कि उनके देश ने भारत से 1.80 लाख टन गेहूं ख़रीदने का क़रार किया है. हालांकि गेहूं ख़रीद का यह समझौता पहले बताई गई 5 लाख टन की मात्रा से काफ़ी कम है.

    मिस्र का यह भी कहना है कि भारत के साथ किया गया यह सौदा देश में गेहूं की आपूर्ति को विविध बनाने के लिए किया गया है.

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े गेहूं आयातकों में से एक मिस्र, यूक्रेन संकट के चलते गेहूं के अपने मुख्य निर्यातक देशों रूस और यूक्रेन के विकल्पों की तलाश में जुटा है.

    यूक्रेन संकट के चलते मिस्र के लिए गेहूं की आयात लागत भी बढ़ गई है. अपनी 7 करोड़ आबादी की खाद्य सुरक्षा के लिए मिस्र गेहूं पर भारी सब्सिडी देता रहा है.

    इससे पहले मई में आपूर्ति मंत्री अली मोसेली ने कहा था कि उनका देश भारत से 5 लाख टन गेहूं ख़रीदने पर सहमत हो गया है. हालांकि उस समझौते पर दस्तख़त नहीं हो सका.

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    मई में ही भारत ने अपने देश में कम उत्पादन होने के चलते गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन मिस्र जैसे ज़रूरतमंद देशों के लिए भारत ने छूट रखी थी.

    मंत्री अली मोसेली ने रविवार को बताया, "भारत ने जो शर्त रखी वो ये थी कि गेहूं यदि बंदरगाहों पर हुआ तभी इसे उपलब्ध कराया जाएगा. वैसे हम 5 लाख टन पर सहमत हुए थे, लेकिन अब भारत से हमें केवल 1.80 लाख टन मिल रहा है."

    गेहूं के लिए अन्य रास्ते भी तलाश रहा है मिस्र

    मोसेली ने यह भी बताया कि उनका देश गेहूं की ख़रीद के लिए रूसी सप्लायरों के साथ भी बातचीत कर रहा है.

    उन्होंने यह भी बताया कि मिस्र गेहूं से अधिक आटा तैयार करने के तरीक़ों पर विचार कर रहा है. मोसेली के अनुसार, गेहूं से आटा निकालने के प्रतिशत को अब 82 फ़ीसदी से बढ़ाकर 87.5 फ़ीसदी करने पर विचार हो रहा है.

    अली मोसेली ने यह भी बताया कि मिस्र की योजना क़रीब 5 लाख टन आयात किए गए गेहूं को बचाने और मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 50-55 लाख टन गेहूं आयात करने की योजना बना रहा है.

    मोसेली ने यह भी बताया कि अपने ही देश मिस्र में 39 लाख टन गेहूं ख़रीद लेने के बाद गेहूं का मौजूदा भंडार क़रीब 6 महीने के लिए पर्याप्त होगा.

  5. जब 'मिहिर' की मौत की ख़बर से मच गई थी खलबली

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    Video caption: हिंदी टीवी के सबसे कामयाब सीरियलों में से एक है- क्योंकि सास भी कभी बहू थी

    हिंदी टीवी के सबसे कामयाब सीरियलों में से एक है- क्योंकि सास भी कभी बहू थी. इस सीरियल में अमर उपाध्याय, मिहिर विरानी की भूमिका में नज़र आए थे.

    'मिहिर विरानी' के किरदार को ज़बरदस्त लोकप्रियता हासिल हुई थी और ऐसा कहा जाता है कि शो में जब इस किरदार की मौत हुई थी तो देशभर में कई जगहों पर इसका शोक मनाया गया था. अब अमर उपाध्याय बीबीसी हिंदी से ख़ास बातचीत में बता रहे हैं कि आख़िर उन्हें ये रोल कैसे मिला.

    वीडियो- नयनदीप रक्षित, बीबीसी हिंदी के लिए

  6. यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच पश्चिमी देशों को एकजुट रहना होगा: जो बाइडन

    जो बाइडन

    जर्मनी में हो रहे जी-सात देशों के सम्मेलन में रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच पश्चिमी देशों को एकजुट रहना होगा.

    उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाहते हैं कि पश्चिमी देश इस मामले में बंट जाएं लेकिन ऐसा नहीं होगा. सम्मेलन में शिरकत करते हुए ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा नेताओं के लिए स्थिति नाजुक धागे पर चलने जैसा है.

    उन्होंने कहा, "नेटो गठबंधन मज़बूत रहा है और जी-सात समूह भी संगठित रहा है. लेकिन ये एकता सुरक्षित रहे इसके लिए जो कुछ हो रहा है. हमारे सहयोगी जिस प्रकार का दवाब झेल रहे हैं, उस बारे में हमें खुलकर ईमानदारी से बात होनी चाहिए. हमें एक साथ मिलकर मुश्किल का हल तलाशना होगा."

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    Video caption: .वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मुताबिक दुनिया के लगभग चार करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं

    भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 देशों के सम्मेलन में शिरकत करने जर्मनी पहुंचे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस बेलारूस को इस्कैंन्डर एम मिसाइल सिस्टम देगा.

    मॉस्को में बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लूकाशेन्को के साथ हुई एक बैठक के बाद पुतिन ने कहा कम दूरी की ये मोबाइल बैलिस्टिक मिसाइलें आने वाले महीनों में बेलारूस पहुंचाई जाएंगी. इसकी रेंज 500 किमोलीटर तक है.

    उन्होंने कहा, "हमने एक बड़ा फ़ैसला लिया है, आने वाले महीनों में बेलारूस को हम इस्कैन्डर मोबाइल टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम देंगे, आपको पता है कि इसके ज़रिए बैलिस्टिक और क्रूज़ दोनों ही तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है. हम परमाणु क्षमता वाली ऐसी मिसाइलें भी देंगे."

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    Video caption: पूर्वी यूक्रेन के डोनबास इलाके में रूसी सेना ने अपनी पकड़ और मज़बूत कर ली है.

    शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को यूक्रेन के उत्तर और पश्चिम में कई मिसाइल हमले हुए थे. इनमें से कुछ बेलारूस की तरफ से दाग़ी गई थीं. बेलारूस सीधे तौर पर युद्ध में शिरकत नहीं कर रहा है लेकिन रूस की मदद कर रहा है.

    उधर, यूक्रेन ने अपने शहर सेवेरोदोनेत्स्क से यूक्रेनी सेना को पीछे हटा लिया है जिसके बाद ये शहर पूरी तरह से रूस से कब्ज़े में चला गया है. मारियुपोल के बाद ये सबसे बड़ा शहर है जो कई सप्ताह की लगातार बमबारी के बाद अब रूस के हाथों में है.

    यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि यहां से बाहर निकलना चाह रहे नागरिक अब केवल रूस की तरफ ही जा सकते हैं.

  7. अमेरिका में गर्भपात पर फ़ैसले से हड़कंप, भारत में क्या है क़ानून

    गर्भवती

    अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फ़ैसले में गर्भपात को क़ानूनी तौर पर मंज़ूरी देने वाले पांच दशक पुराने फ़ैसले को पलट दिया है जिसके बाद देश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं.

    इसके बाद अब महिलाओं के लिए गर्भपात का हक़ क़ानूनी रहेगा या नहीं इसे लेकर अमेरिका के अलग-अलग राज्य अपने-अपने अलग नियम बना सकते हैं.

    माना जा रहा है कि इसके बाद आधे से अधिक अमेरिकी राज्य गर्भपात क़ानून को लेकर नए प्रतिबंध लागू कर सकते हैं.

    13 राज्य पहले ही ऐसे क़ानून पारित कर चुके हैं जो गर्भपात को ग़ैरक़ानूनी करार देते हैं, ये क़ानून सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद लागू हो जाएंगे.

    अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 50 साल पुराने रो बनाम वेड मामले में आए फ़ैसले को पलट दिया है जिसके ज़रिए गर्भपात कराने को क़ानूनी करार दिया गया था और कहा गया था कि संविधान गर्भवती महिला को गर्भपात से जुड़ा फ़ैसला लेने का हक़ देता है.

    अमेरिका में गर्भपात पर फ़ैसले से हड़कंप, भारत में क्या है क़ानून

    गर्भवती

    अमेरिका में गर्भपात कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद एक वर्ग जहां बेहद दुखी है, वहीं एक वर्ग जश्न मना रहा है. भारत में भी गर्भपात को लेकर क़ानून है जिसमें पिछले साल बदलाव किए गए.

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  8. जर्मनी में पीएम मोदी बोले- लोकतंत्र हमारा गौरव है जो हर भारतीय के डीएनए में है

    पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 की बैठक में भाग लेने रविवार को जर्मनी पहुंचे. अब से थोड़ी देर पहले वहां के म्यूनिख शहर में उन्होंने जर्मनी में मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया है.

    अपने संबोधन में उन्होंने भारत और अपनी सरकार की उपलब्धियों को लोगों के सामने रखा. उन्होंने भारत को 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' क़रार देते हुए कहा कि लोकतंत्र हमारा गौरव है और यह हर भारतीयों के डीएनए में शामिल है.

    पीएम मोदी ने कहा, ''भारत ने दिखाया है कि इतने विशाल और इतनी विविधता भरे देश में लोकतंत्र कितने बेहतर तरीके से काम कर रहा है. जिस तरह करोड़ों भारतीयों ने मिलकर बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल किए हैं, वो अभूतपूर्व है.''

    आपातकाल का किया ज़िक्र

    लोकतंत्र का ज़िक्र करते हुए उन्होंने 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल पर भी बातें की और कहा कि आज से 47 साल पहले इसी समय उस लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था.

    उन्होंने कहा, ''भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सारी साज़िशों का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से ही दिया. हम भारतीय कहीं भी रहें, अपने लोकतंत्र पर हम गर्व करते हैं. हर हिंदुस्तानी गर्व से कहता है कि भारत 'मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी' है.''

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    'विकास के लिए अधीर है भारत'

    उनके अनुसार, ''आज का भारत 'होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा' वाली मानसिकता से बाहर निकल चुका है. आज भारत ‘करना है,’ ‘करना ही है’ और ‘समय पर करना है’ का संकल्प रखता है. भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है. भारत अधीर है, प्रगति के लिए, विकास के लिए. भारत अधीर है, अपने सपनों के लिए, अपने सपनों की सिद्धि के लिए.''

    नरेंद्र मोदी ने भारत और अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, ''आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है. आज भारत का लगभग हर गांव सड़क मार्ग से जुड़ चुका है. आज भारत के 99 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास खाना बनाने के लिए स्वच्छ गैस कनेक्शन है. आज भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा हुआ है.''

    पीएम मोदी ने बताया, ''आज भारत का हर गांव खुले में शौच से मुक्त है. आज स्वच्छता भारत में एक जीवनशैली बन रही है. भारत के लोग, भारत के युवा देश को स्वच्छ रखना अपना कर्तव्य समझ रहे हैं.''

    उन्होंने कहा, ''आज भारत में 90 प्रतिशत वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है. 95 प्रतिशत वयस्क ऐसे हैं, जो कम से कम एक डोज़ ले चुके हैं. ये वही भारत है, जिसके बारे में कुछ लोग कह रहे थे कि सवा अरब आबादी को वैक्सीन लगाने में 10-15 साल लग जाएंगे.''

    उनके अनुसार, मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी भारत के लोगों का हौसला ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है.

    पीएम मोदी ने कहा, ''आज भारत के हर ग़रीब को 5 लाख रुपए के मुफ़्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है. कोरोना के इस समय में भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीबों को मुफ़्त अनाज दे रहा है.''

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    'चौथी औद्योगिक क्रांति का अगुआ है भारत'

    उन्होंने कहा, ''पिछले साल हमने अब तक का सबसे ज़्यादा निर्यात किया है. ये इस बात का सबूत है कि एक ओर हमारे मैन्यूफ़ैक्चरर्स नए अवसरों के लिए तैयार हो चुके हैं. वहीं दुनिया भी हमें उम्मीद और विश्वास से देख रही है.''

    पीएम मोदी ने बताया, ''इतना ही नहीं, आज भारत में औसतन हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न कंपनी बन रही है. आज 21वीं सदी का भारत, चौथी औद्योगिक क्रांति यानी 'इंडस्ट्री 4.0' में, पीछे रहने वाले देशों में नहीं बल्कि इस औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने वालों में से एक है. सूचना तकनीक और डिजिटल तकनीक में भारत अपना परचम लहरा रहा है.''

    उनके अनुसार, आज भारत के लोगों को भरोसा है कि उनका पैसा ईमानदारी से देश के लिए लग रहा है, भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ रहा. इसलिए देश में 'टैक्स कंप्लायंस' तेज़ी से बढ़ रहा है.

    जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हो रहे प्रयासों को लेकर उन्होंने कहा, ''जलवायु परिवर्तन, आज ये भारत में केवल सरकारी नीतियों का मुद्दा नहीं है. भारत का युवा इलेक्ट्रिक व्हीकल और ऐसी ही दूसरी जलवायु अनुकूल तकनीकों में निवेश कर रहा है. जलवायु अनुकूल व्यवहार आज भारत के सामान्य से सामान्य इंसान के जीवन का हिस्सा बन रही है.''

  9. भारत की बिसात पर रूस और यूक्रेन के बीच ये बाज़ी कौन जीतेगा

    शतरंज
    Image caption: अरकादी दवोरकोविच

    रूस-यूक्रेन की जंग लंबी खिंचती जा रही है. यूक्रेन पिछले चार महीने से रूस के खिलाफ डटा हुआ है. लेकिन इस मोर्चे से अलग एक और जंग के मैदान में दोनों ओर के महारथी टकराने जा रहे हैं.

    अगस्त में भारत के तमिलनाडु राज्य के महाबलीपुरम में शंतरज के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठन फिडे (FIDE) के प्रमुख चुने जाएंगे.

    फिडे के सर्वोच्च पद की दौड़ में इसके मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व रूसी उप प्रधाननंत्री अरकादी दवोरकोविच और यूक्रेनी ग्रैंड मास्टर एंद्रेई बारिशोपोलेत के बीच मुकाबला हो सकता है.

    महाबलीपुरम में 27 जुलाई से 10 अगस्त तक शतरंज का 44वां ओलंपियाड होगा.

    भारत की बिसात पर रूस और यूक्रेन के बीच ये बाज़ी कौन जीतेगा

    शतरंज

    भारत में रूस और यूक्रेन के बीच होने वाले इस मुक़ाबले में कांटे की टक्कर के आसार हैं. इस मुक़ाबले की खास बात ये है कि इसमें भारत रूस के पक्ष में खड़ा है.

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  10. अमेरिका, ब्रिटेन और जापान ने रूस से सोने के आयात पर लगाया प्रतिबंध

    सोने के आयात

    अमेरिका, ब्रिटेन और जापान ने रूस से सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है.

    पिछले चार महीने से यूक्रेन पर हो रहे रूसी हमले को देखते हुए रूस की अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचाने के मक़सद से यह क़दम उठाया गया है.

    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया है कि जल्द ही G-7 के अन्य देश जैसे जर्मनी, फ्रांस और इटली भी इस प्रतिबंध में शामिल हो जाएंगे.

    उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ''अमेरिका ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध के लिए ज़रूरी धन जुटाने से रोकने के लिए पुतिन को अभूतपूर्व झटका दिया है. G-7 एक साथ मिलकर घोषणा करेंगे कि हम रूस से होने वाले सोने के आयात पर प्रतिबंध लगा देंगे. रूस से सोने का यह निर्यात अरबों डॉलर का होता है.''

    मालूम हो कि रविवार से मंगलवार तक जर्मनी के बावरिया में G-7 देशों के नेताओं की बैठक चलने वाली है. इसमें भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जर्मनी गए हैं.

    ब्रिटेन सरकार का कहना है कि इस क़दम से धन उगाहने की पुतिन की क्षमता पर बहुत बड़ा असर होगा.

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    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बताया कि इस फ़ैसले से 'पुतिन की वार मशीन पर चोट पहुंचेगी.' उन्होंने कहा, ''हमें पुतिन की सरकार को धन के लिए तरसाने की ज़रूरत है. ब्रिटेन और हमारे सहयोगी देश ऐसा ही कर रहे हैं.''

    ब्रिटेन के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से सोने का महत्व पहले से बढ़ गया है. वो इसलिए कि प्रतिबंधों से बचने के लिए रूसी ओलिगार्क सर्राफ़ा यानी सोने और चांदी में निवेश करने पर ज़ोर दे रहे हैं.

    2021 में दुनिया को रूस से 15 अरब डॉलर से अधिक का सोना निर्यात हुआ था.

    रूस ने इस साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था. उसके बाद पिछले चार महीने से यूक्रेन से रूस का युद्ध जारी है. हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. अभी तक रूस के 1,000 से अधिक लोगों और कारोबारों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.

    माना जा रहा है कि इस प्रतिबंध से दुनिया में सोने की क़ीमतें बढ़ जाएंगी. हालांकि देखना ये है कि क्या भारत रूस से कच्चे तेल की तरह सोने का भी सस्ता आयात करता है या नहीं.

  11. गुजरात दंगों को NCERT की किताबों से मिटाने से क्या इतिहास बदल जाएगा?

    गुजरात दंगों की एक तस्वीर

    बारहवीं कक्षा में राजनीति विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों को अब 2002 के गुजरात दंगों के बारे में एनसीईआरटी की किताबों में कुछ नहीं पढ़ने को मिलेगा.

    27 फरवरी, 2002 में अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 में गोधरा स्टेशन पर आग लगाने की घटना हुई थी, जिसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद गुजरात में दंगे भड़क उठे थे.

    इनका ज़िक्र एनसीईआरटी की बारहवीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताब के नौवें अध्याय में था.

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीईआरटी गुजरात दंगे के अलावा किताब से भारत में आपातकाल से संबंधित अध्याय को भी हटा रहा है.

    बीबीसी ने एनसीईआरटी से किताब में बदलावों के बारे में सटीक जानकारी हासिल करने की कोशिश की लेकिन इस मामले में एनसीईआरटी से कोई जवाब नहीं मिला है.

    गुजरात दंगों को NCERT की किताबों से मिटाने से क्या इतिहास बदल जाएगा?

    गुजरात दंगों की एक तस्वीर

    एनसीईआरटी 12वीं कक्षा की किताबों से गुजरात दंगे के साथ-साथ इमरजेंसी से जुड़ा अध्याय हटाने की प्रक्रिया में है. सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या इससे इतिहास बदल जाएगा?

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  12. ब्रेकिंग न्यूज़आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव में बीजेपी की जीत ऐतिहासिक है: पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी को मिली जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक बताया है.

    उन्होंने कहा, "आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव में जीत ऐतिहासिक है. ये केंद्र और यूपी में डबल इंजन सरकार के लिए व्यापक पैमाने पर स्वीकृति और समर्थन का संकेत देता है. समर्थन के लिए लोगों का आभारी हूं. मैं हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना करता हूं."

    वहीं त्रिपुरा विधानसभा की चार सीटों के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी ने तीन जगहों पर जीत हासिल की है. मुख्यमंत्री माणिक साहा उपचुनाव जीत गए हैं.

    पीएम मोदी बीजेपी की इस सफलता पर कहा, "मैं त्रिपुरा के लोगों को हमारे विकास का एजेंडा में विश्वास जताने और मुख्यमंत्री माणिक साहा सहित हमारे उम्मीदवारों को उपचुनाव में जीत का आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद देता हूं. हमारी सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करती रहेगी. मैं कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं."

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  13. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना से बग़ावत: राजनीति में क्या है लग्ज़री रिज़ॉर्ट की भूमिका

    होटल में शिवसेना के विधायक

    भारत में राजनीति एक बार फिर विधानसभा से निकलकर लग्ज़री रिज़ॉर्ट पहुंच गई है.

    राजनीति का ये ताज़ा नाटक भारत के सबसे अमीर राज्य महाराष्ट्र में चल रहा है. प्रभावशाली मंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के लगभग चालीस विधायक राजधानी मुंबई से हज़ारों किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर राज्य असम के गुवाहाटी में एक लग्ज़री होटल में ठहरे हुए हैं.

    भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत कोई भी पार्टी जो सदन में आधे से अधिक विधायकों का समर्थन साबित कर सकती है, सरकार बना सकती है.

    ऐसे में जब बहुमत का अंतर कम होता है, सरकारें, ख़ासकर गठबंधन सरकारें, हमेशा अपने पैरों के नीचे से राजनीतिक ज़मीन ख़िसकने के डर में रहती है. कई बार विपक्षी दल तो कई बार अपने ही असंतुष्ट विधायक पार्टी की सियासी ज़मीन खींच लेते हैं.

    महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना से बग़ावत: राजनीति में क्या है लग्ज़री रिज़ॉर्ट की भूमिका

    होटल में शिवसेना के विधायक

    भारत में राजनीति एक बार फिर विधानसभा से निकलकर लग्ज़री रिज़ॉर्ट पहुंच गई है. राजनीति का ये ताज़ा नाटक भारत के सबसे अमीर राज्य महाराष्ट्र में चल रहा है.

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  14. G-7 देशों की बैठक के ठीक पहले रूस ने कीएव पर फिर दागी मिसाइलें

    कीएव
    Image caption: फ़ाइल फोटो

    रूस पर और प्रतिबंध लगाने के इरादे से दुनिया के कई देश यूरोप में इकट्ठा हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रूस ने रविवार को यूक्रेन की राजधानी कीएव पर कई मिसाइलें दागी हैं. पिछले कुछ हफ़्तों के बाद पहली बार कीएव पर कोई हमला हुआ है.

    इससे पहले शनिवार को यूक्रेन को तब बहुत बड़ा झटका लगा, जब उसका पूर्वी शहर सिविएरो दोनेत्स्क रूसी सेना के क़ब्ज़े में चला गया. डोनबास इलाक़े पर नियंत्रण बनाए रखने के लिहाज़ से यूक्रेन की यह हार उसे महंगी पड़ सकती है.

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सुबह में सेंट्रल कीएव में चार धमाके हुए. बाद में कीएव के दक्षिणी इलाक़े में दो और धमाके सुने गए.

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    राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री एर्माक ने बताया, "रूस ने कीएव पर एक बार फिर हमला किया. मिसाइलों ने एक अपार्टमेंट और छोटे बच्चों के स्कूल को बर्बाद कर दिया."

    यूक्रेन के पुलिस प्रमुख इहोर क्लिमेंको ने टीवी पर बताया कि इस हमले में पांच लोग घायल हो गए.

    रूस ने 24 और 25 फ़रवरी की बीच की रात यूक्रेन पर हमले की शुरुआत की थी. इस तरह दोनों देशों के बीच की लड़ाई शुरू हुए अब चार महीने हो गए हैं.

    वहीं बैठक शुरू होने के पहले G-7 देशों ने रूस से होने वाले सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है.

  15. शिवसेना के बाग़ी विधायकों पर संजय राउत का तंज- कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में

    संजय राउत

    महाराष्ट्र में शिवसेना के भीतर चल रहे राजनीतिक संकट के बीच पार्टी नेता संजय राउत ने गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मौजूद बाग़ी विधायकों पर तंज़ कसा है.

    बाग़ी विधायकों के बारे में मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने रविवार को कहा, "उन्हें मुंबई तो आना पड़ेगा न. वहां बैठकर हमें क्या सलाह और मार्गदर्शन कर रहे हो. शिवसैनिक ज़मीन पर हैं, हज़ारों लाखों शिवसैनिक. हमारे इशारे का इंतज़ार है, लेकिन हमने अभी भी संयम रखा है."

    अपने ट्विटर हैंडल से उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में."

    वहीं, पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा, "कोई शक्ति प्रदर्शन करता है, कोई और कुछ करता है, उस पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है. जो होना है, वो होने दो. जो करना है, उन्हें करने दो. लोग भरोसा जो है, वो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर ही रखेंगे."

    'संजय राउत की भाषा के कारण शिवसेना सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई है'

    शिवसेना के बाग़ी विधायक और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर

    बागी शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर द्वारा महाराष्ट्र के बागी विधायकों के खिलाफ जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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  16. रामपुर और आज़मगढ़ चुनाव के नतीज़ों पर बोले ओवैसी- सपा में भाजपा को हराने की क़ुव्वत नहीं

    असदुद्दीन ओवैसी

    एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश की रामपुर और आज़मगढ़ लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के परिणामों पर प्रतिक्रिया दी है.

    उन्होंने राज्य की विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी पर कहा है कि सपा भाजपा को नहीं हरा सकती है.

    उन्होंने कहा, "रामपुर और आज़मगढ़ चुनाव के नतीजे से साफ़ ज़ाहिर होता है कि सपा में भाजपा को हराने की न तो क़ाबिलियत है और ना क़ुव्वत."

    उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, "मुसलमानों को चाहिए कि वो अब अपना क़ीमती वोट ऐसी निकम्मी पार्टियों पर ज़ाया करने के बजाये अपनी खुद की आज़ाद सियासी पहचान बनाए और अपने मुक़द्दर के फ़ैसले ख़ुद करे."

  17. हार्दिक पंड्या की आज से कप्तानी पारी, टी20 विश्व कप की टीम क्या होगी?

    हार्दिक पंड्या
    Image caption: हार्दिक पंड्या

    रविवार से आयरलैंड के ख़िलाफ़ 2 मैचों की टी-20 सीरीज़ से एक नये अध्याय की शुरुआत हो रही है. हार्दिक पंड्या अब टीम इंडिया के लिए खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट में नये कप्तान हैं.

    मुमकिन है कि पंड्या अगले महीने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाली 3 मैचों की टी20 सीरीज़ में भी कप्तान रहें. कोच राहुल द्रविड़ जिनका क्रिकेट दर्शन स्थिरता और निरंतरता के सिद्धांत पर चलता है, उन्हें हेड कोच के तौर पर पहले 6 महीनों में 5 कप्तानों से रूबरू होना पड़ा है!

    इतना ही नहीं अहम खिलाड़ियों की फॉर्म, फिटनेस और थकान जैसे कारणों के चलते उन्हें दो दर्जन से भी ज़्यादा खिलाड़ियों के साथ सामंजस्य बनाना पड़ा है. बावजूद इसके टी20 वर्ल्ड कप के लिए एकदम पक्के 15 खिलाड़ी कौन होंगे, ये फिलहाल पता नहीं है.

    लेकिन, इस स्थिति के लिए कोच द्रविड़ या पूरी तरह से चयनकर्ता भी ज़िम्मेदार नहीं हैं. पिछले साल यूएई में टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारत को जिस तरह से करारी हार मिली उसके बाद तुरंत विराट कोहली जैसे कप्तान को अपनी कुर्सी खाली करनी पड़ी.

    हार्दिक पंड्या की आज से कप्तानी पारी, टी20 विश्व कप की टीम क्या होगी?

    हार्दिक पंड्या

    रविवार से आयरलैंड के ख़िलाफ़ दो मैचों की टी-20 सीरीज़ से एक नये अध्याय की शुरुआत हो रही है. हार्दिक पंड्या अब टीम इंडिया के लिए खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट में नये कप्तान हैं.

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  18. जो बाइडन के जुलाई में सऊदी दौरे से पहले कई और अरब देश क़ायम कर सकते हैं इसराइल से रिश्ते

    जो बाइडन

    अमेरिका ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के मध्य पूर्व के दौरे पर जाने के पहले अरब जगत के कई और देश इसराइल से अपने संबध बेहतर करने वाले क़दम उठा सकते हैं.

    दुनिया की निगाहें अब सऊदी अरब पर लगी हुई हैं, जहां जुलाई के मध्य में बाइडन जाने वाले हैं. वहीं तुर्की की राजधानी इस्तांबुल के सऊदी वाणिज्य दूतावास में 2018 में पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के कुछ महीने बाद 2019 में बाइडन ने सऊदी अरब को 'अलग-थलग' कर देने का वादा किया था.

    सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी अपनी सरकार के कड़े आलोचक थे. सऊदी अरब के वास्तविक शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर एजेंटों के ज़रिए उनकी हत्या करवाने का संदेह जताया गया था.

    हालांकि हाल में अमेरिका और सऊदी अरब के बीच घनिष्ठता फिर से बढ़ी है. समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बावजूद जानकारों को संदेह है कि इसराइल से राजनयिक संबंध क़ायम करने पर सऊदी अरब फ़िलहाल तैयार हो जाएगा.

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    Video caption: खाड़ी के इस्लामिक देशों में चीन की बढ़ती दिलचस्पी

    शाह सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद की आधिकारिक नीति यही रही है कि इसराइल के साथ संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि वह फ़लस्तीन को मान्यता न दे दे और फ़लस्तीन के क़ब्ज़ा किए गए इलाक़ों को छोड़ न दे.

    हालांकि मार्च में सऊदी सरकार की मीडिया ने बताया कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इसराइल को 'सशक्त सहयोगी' मानते हैं. उन्हें ये कहते हुए बताया गया कि दोनों देश मिलकर अपने कई हितों को आगे बढ़ा सकते हैं.

    कहा जाता है कि उसके क्षेत्रीय सहयोगी संयुक्त अरब अमीरात और फिर बहरीन और मोरक्को ने जब इसराइल से अपने राजनयिक संबंध स्थापित किए तो सऊदी अरब ने उन देशों का विरोध नहीं किया.

    इसके अलावा, उम्मीद की जा रही है कि अपने दौरे के दौरान जो बाइडन दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक सऊदी अरब को कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमत करने की कोशिश करेंगे.

  19. FB LIVE: तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिए जाने का क्या है पूरा मामला

    बता रहे हैं बीबीसी संवाददाता रॉक्सी गागड़ेकर.

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    FB LIVE: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया है और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार को गिरफ़्तार किया है. क्या है पूरा मामला, इससे जुड़े सवाल और जांच की स्थिति, बता रहे हैं बीबीसी संवाददाता रॉक्सी गागड़ेकर.