मध्य प्रदेश: बच्चा चोरी की अफ़वाह फैलाकर हिंसा, एक की मौत

  • शुरैह नियाज़ी
  • भोपाल से, बीबीसी हिन्दी के लिए
वायरल

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मध्य प्रदेश के धार ज़िले के मनावर में बुधवार को कुछ लोगों को बच्चा चोरी की अफ़वाह फैलाकर पीटा गया जिसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई और पाँच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये.

हालांकि पुलिस का कहना है कि इस हिंसा के पीछे पैसों के लेनदेन को लेकर हुआ विवाद है.

हमले का शिकार लोगों में से एक ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई.

घटना मनावर थाना क्षेत्र में हुई जहाँ 100 से अधिक लोग इकठ्ठा हो गये और इस भीड़ ने गांव में आए लोगों को जमकर पीटा.

घटना के कुछ वीडियो वायरल हो गए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि भीड़ ने कुछ लोगों को घेर लिया है और बेरहमी से इन्हें पीटा जा रहा है.

धार के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बीबीसी को बताया, "ये पैसे के लेनदेन का मामला था. कुछ लोग गाड़ियों में आये जिनके यहाँ पर ये मज़दूर काम करते थे. इन्होंने एडवांस में पैसे ले लिये थे और मज़दूरी नहीं कर रहे थे."

पुलिस के मुताबिक़ हिंसा का शिकार हुए लोगों को पैसे देने के बहाने बुलाया गया था.

आदित्य प्रताप सिंह ने बताया, "गाँव वाले लोगों ने इन्हें बुलाया और पहले उन पर पत्थरबाज़ी की. इसके बाद इनका पीछा करके बोरलाय गाँव के पास इनके साथ मारपीट की. इस मारपीट में एक व्यक्ति की मौत हो गई है."

साल 2018 की घटनाओं के वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किये गए

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स्थानीय लोगों के मुताबिक़ जिन पर हमला बोला गया है वे सभी किसान थे. ये लोग उज्जैन ज़िले के लिंबी पिपलिया गाँव के थे.

इन्होंने इन लोगों को अपने खेतों में काम करने के लिये मज़दूरी पर रखा था और पेशगी में पैसे भी दिए थे. लेकिन कुछ दिन काम करने के बाद ये लोग वहां से भाग गए.

पुलिस के मुताबिक़ दोनों पक्षों में फ़ोन पर बातचीत चल रही थी.

इनमें से घायल एक किसान विनोद मुकाती ने बताया, "सुबह छह बजे हम लोग आए थे. उसके बाद हमने तिरला थाने में रिपोर्ट करी. ये पांच मज़दूर हमारे यहां पांच आदमियों के यहां पर रहते थे. इन लोगों ने पचास-पचास हज़ार रुपये लिए थे. हमें फ़ोन करके बुलाया था कि आकर पैसे ले जाओ."

उन्होंने बताया, "सबसे पहले तिरला थाने में यह बात बताई गई तो उन्होंने कहा कि चले जाओ. जब गांव में गये तो उन्होंने गाड़ी में पत्थर मारना शुरू किया. जब हम भागे तो उन्होंने आगे कह दिया कि बच्चा चोर है. उसके बाद आगे हमे रोक कर ख़ूब पीटा."

पुलिस की जानकारी के मुताबिक़ क्षेत्र में मज़दूरी के लिये काम करने वाले कम लोग मिलते है इसलिये लोगों को बाहर से मज़दूर बुलाने पड़ते है और उनसे काम करवाने के लिये काफ़ी मशक्कत करनी पड़ती है.

वहीं उन्हें एडवांस में भी पैसे देने पड़ते हैं ताकि वह किसी और के यहां जाकर मज़दूरी न करने लगें. यही वजह है कि इन्हें एडवांस में 50-50 हज़ार रुपए दिए गए थे.

पुलिस ने इस मामले में खिरकिया गांव के अवतार सिंह, भुवन सिंह और जाम सिंह पर हत्या और बलवा का मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही 45 अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया है जिनकी पहचान की जानी है.

मारे गए व्यक्ति की पहचान इंदौर ज़िले के शिवपुर खेड़ा गांव के गणेश खासी के रूप में हुई है. इसके अलावा चार अन्य लोग उज्जैन ज़िले के लिंबा पिपलिया गांव के थे. एक व्यक्ति शिवपुर खेड़ा का था.

पांच लोग जो गंभीर रूप से घायल हैं उन्हें उपचार के लिये इंदौर ले जाया गया है.

भारत में बच्चा चोरी की अफ़वाह पर भीड़ की हिंसा का ये पहला मामला नहीं है. असम से लेकर कर्नाटक तक ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें भीड़ ने अनजान लोगों को बच्चा चोरी के शक़ में पीटा. ऐसी घटनाओं में कई लोगों की मौत भी हुई है.

हालांकि पुलिस का कहना है कि मनावर में हुई ये घटना साज़िश थी.

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