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लाइव रिपोर्टिंग

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  1. Post update

    बीबीसी हिंदी के इस लाइव पेज से जुड़ने के लिए आपका शुक्रिया. यह लाइव पेज अब यहीं बंद हो रहा है. सोमवार, 24 मई के अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.

  2. ब्रेकिंग न्यूज़योगगुरु रामदेव ने वापिस लिया अपना बयान, कहा- एलोपैथी का विरोधी नहीं

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन के ख़त के बाद योगगुरु रामदेव ने अपने बयान वापिस ले लिया है.

    उन्होंने अपने बयान के लिए खेद प्रकट किया है और कहा है कि वो आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और एलोपैथी के विरोधी नहीं है.

    सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी करते हुए उन्होंने लिखा "चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ."

    अपने पत्र में उन्होंने लिखा "मेरा जो वक्तव्य कोट किया गया है, वह एक कार्यकर्ता बैठक का वक्तव्य है जिसमें मैंने आए हुए एक व्हाट्सऐप मैसेज को पढ़ कर सुनाया था. उससे अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मुझे खेद है."

    साथ ही उन्होंने लिखा, "एलोपैथी के डॉक्टर्स से कोरोना काल में अपनी जान दांव पर लगा कर करोड़ों लोगों की जान बचाई है, हम उसका सम्मान करते हैं. हमने भी आयुर्वेद और योग से करोड़ों लोगों की जान बचाई है, इसका भी सम्मान होना चाहिए."

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    इससे पहले रविवार शाम स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने योगगुरु रामदेव को चिट्ठी लिख उनसे बयान वापिस लेने को कहा था.

    उन्होंने लिखा था कि रामदेव ने अपने बयान से "कोरोना योद्धाओं का निरादर कर, देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है" इसलिए उन्हें अपना "आपत्तिजनक वक्तव्य वापस ले लेना चाहिए".

    उन्होंने लिखा कि रामदेव का बयान डॉक्टरों का मनोबल तोड़ने और कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई को कमज़ोर करने वाला साबित हो सकता है

  3. किसानों के 26 मई के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को 12 विपक्षी दलों का समर्थन

    किसान

    देश के 12 मुख्य विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान जारी करके 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए देशव्यापी प्रदर्शन का समर्थन किया है.

    केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की मांग के छह महीने पूरे होने के मौक़े पर यह राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा आयोजित कर रहा है.

    विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 12 मई को लिखे गए पत्र की याद दिलाई है.

    उन्होंने बयान में कहा है कि, “हमारे लाखों अन्नदाताओं को महामारी का पीड़ित बनने से रोकने के लिए क़ानून वापस लें ताकि वे भारत की जनता का पेट भरने के लिए अनाज उगाना जारी रख सकें.”

    उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह अपना ज़िद्दी रवैया छोड़कर किसान संयुक्त मोर्चा से तुरंत बातचीत शुरू करे.

    इस संयुक्त बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जेडीएस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, डीएमके नेता एमके स्टालिन, जेएमएम नेता हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ़्रेंस प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई नेता डी राजा और सीपीएम नेता सीताराम येचूरी के हस्ताक्षर हैं.

  4. ग़ैर-भाजपा शासित राज्य ख़ुद वैक्सीन का ऑर्डर दें और बिल केंद्र को भेज दें: सुब्रमण्यम स्वामी

    स्वामी

    बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके कहा है कि ग़ैर-बीजेपी राज्यों को एकसाथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन का ऑर्डर देना चाहिए और इसका बिल केंद्र सरकार को भेज देना चाहिए.

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    उन्होंने ट्वीट में लिखा, “मोदी सरकार को सभी ग़ैर-भाजपा राज्यों को यह आगाह कर देना चाहिए कि वे टीकों की पर्याप्त आपूर्ति न मिलने से निराश हैं, वे एकजुट होकर विदेशों में थोक ऑर्डर के लिए सीधे बातचीत करें और केंद्र को बिल भेज दें. मोदी सरकार राजनीतिक रूप से भुगतान करने से इनकार करने का जोखिम नहीं उठाएगी.”

    कई राज्य अपने यहां वैक्सीन की कमी का हवाला दे रहे हैं.

    पंजाब सरकार ने रविवार को बताया था कि उसे दवा कंपनी मॉडर्ना ने सीधे वैक्सीन देने से इनकार कर दिया है.

  5. ईरान में बढ़ती मांग के कारण शहरों में बिजली कटौती शुरू

    ईरान

    ईरान में बिजली की बढ़ती मांग के कारण अब वहां पर इसकी कटौती करने की तैयारी कर रहा है. बीते कुछ दिनों में राजधानी तेहरान समेत शिराज़ और इसफ़हान में काफ़ी बिजली की कटौती की जा रही है.

    ईरान में गर्मियों में बिजली की काफ़ी दिक्कतें हमेशा से होती हैं लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस साल भारी सूखा पड़ा है जिसके कारण हाइड्रो-इलेक्ट्रिक फ़ैसिलिटीज़ पर काफ़ी असर पड़ा.

    अधिकारियों की यह भी शिकायत है कि लोग क्रिप्टो-करेंसी जनरेट करने के लिए कंप्यूटर के लिए अधिक बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं.

    प्रांतीय बिजली वितरण कंपनियों ने घोषणा की है कि शाम तक कुछ इलाक़ों में कम से कम दो घंटे की बिजली कटौती जारी है.

    ईरानी समाचार एजेंसी ISNA ने नेशनल इलेक्ट्रिसिटी कंपनी के निदेशक मोहम्मद हसन मोतेवालिज़ादेह ने कहा है कि सूखे के कारण नेशनल ग्रिड के कारण भारी दबाव पड़ा है, इसके साथ-साथ ‘बढ़ते तापमान और क्रिप्टो-करेंसी के कारण खपत बढ़ी है.'

  6. मॉडर्ना ने पंजाब सरकार को वैक्सीन देने से किया इनकार

    वैक्सीन

    अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना ने पंजाब को सीधे कोविड-19 की वैक्सीन देने से इनकार कर दिया है. कंपनी का कहना है कि वह सीधे भारत सरकार से इसको लेकर सौदा करेगी.

    राज्य के टीकाकरण के नोडल अफ़सर विकास गर्ग ने कहा है कि "कोरोना वैक्सीन के एक निर्माता मॉडर्ना ने सीधे पंजाब सरकार को वैक्सीन देने से मना कर दिया है. उनकी पॉलिसी के अनुसार वो केवल केंद्र सरकार से सौदा करेंगे, राज्य सरकार या फिर किसी निजी पक्ष के साथ नहीं."

    अधिकारियों के मुताबिक़, पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने सभी वैक्सीन उत्पादनकर्ताओं से सीधे वैक्सीन ख़रीदने के लिए संपर्क किया है.

    विकास गर्ग ने कहा था कि पंजाब सभी संभावित स्रोतों से ग्लोबल टेंडर के ज़रिए वैक्सीन ख़रीदने की संभावनाएं तलाश रहा है, जिनमें स्पुतनिक V, फ़ाइज़र और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी वैक्सीन शामिल हैं.

    समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, इनमें से मॉडर्ना ने केवल पंजाब सरकार का जवाब दिया है. दुनिया में अब तक 9 करोड़ लोगों को मॉडर्ना की वैक्सीन दी जा चुकी है.

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    पंजाब को वैक्सीन की कमी के कारण पहले और दूसरे चरण का टीकाकरण तीन दिन पहले बंद करना पड़ा है.

    विकास गर्ग ने बताया कि राज्य केवल 4.2 लाख वैक्सीन ही ख़रीद सकने में सक्षम है जिसमें से 66,000 कल तीसरे चरण (18-44 वर्ष का समूह) के लिए ख़रीदी गई थीं.

    उन्होंने बताया कि 3.65 लाख इस्तेमाल हो चुकी हैं जबकि 64,000 डोज़ अभी बची हैं.

    इसके बहाने कांग्रेस सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

    कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्वीट करके कहा है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है.

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    उन्होंने लिखा कि हर देश नागरिकों के लिए केंद्रीय स्तर पर वैक्सीन की ख़रीद कर रहा है लेकिन बीजेपी सरकार ने राज्यों को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया है.

  7. ब्रेकिंग न्यूज़सुशील कुमार को छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया

    दिल्ली की एक कोर्ट ने पहलवान सुशील कुमार को छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने का फ़ैसला किया है.

    ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार, पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में फ़रार थे. पुलिस ने उन्हें आज दिल्ली के मुंडका से गिरफ़्तार किया है.

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  8. स्वास्थ्य मंत्री ने रामदेव को चिट्ठी लिख कहा- स्पष्टीकरण काफी नहीं, बयान वापिस लें

    डॉक्टर हर्षवर्धन

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने योगगुरु रामदेव को चिट्ठी लिख उनसे उनका बयान वापिस लेने को कहा है.

    उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बयान से "कोरोना योद्धाओं का निरादर कर, देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है" इसलिए उनहें अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस ले लेना चाहिए.

    उन्होंने लिखा, "आपका ये कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीज़ों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई. आज अगर देश में कोरोना से मृत्यु दर सिर्फ़ 1.13 फीसदी और रिकवरी रेट 88 फीसदी से अधिक है तो इसके पीछे ऐलोपैथी और उसके डॉक्टरों का अहम योगदान है."

    उन्होंने लिखा कि रामदेव का बयान डॉक्टरों का मनोबल तोड़ने और कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई को कमज़ोर करने वाला साबित हो सकता है.

    उन्होंने लिखा, "मैं समझता हूं कि आपको किसी मुद्दे पर कोई भी बयान समय काल और परिस्थिति देख कर देना चाहिए. ऐसे समय में इलाज के मौजूदा तरीकों को तमाशा बताना न सिर्फ़ एलोपैथी बल्कि उनके डॉक्टरों की क्षमता, योग्यता और उनके इरादों पर भी सवाल खड़े करता है, जो अनुचित है."

    उन्होंने लिखा रामदेव ने जो स्पष्टीकरण दिया है वो लोगों की चोटिल भावनाओं पर मरहम लगाने के लिए नाकाफ़ी है.

    उन्होंने लिखा, "आपने अपने स्पष्टीकरण में सिर्फ़ यह कहा है कि आपकी मंशा मॉडर्न साइंस और अच्छे डॉक्टरों के ख़िलाफ़ नहीं है. मैं आपको द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को पर्याप्त नहीं मानता."

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    इससे पहले इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने योगगुरु रामदेव को उनके बयानन के लिए क़ानूनी नोटिस भेजा था और कहा था कि रामदेव के बयानों से संस्थान की गरिमा और भरोसे को ठेस पहुँचा है.

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    हाल ही में सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो सर्कुलेट हो रहा था जिसमें उन्होंने कहा था कि हाल के दिनों में कोविड-19 के मुक़ाबले एलोपैथिक इलाज के कारण ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

    वीडियो में वो प्लाज़्मा थेरेपी के कोविड-19 के इलाज की सूची से हटाए जाने पर तंज़ कसते दिख रहे हैं.

    वीडियो में रामदेव कह रहे हैं, “एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले क्लोरोक्विन फ़ेल हुआ, फिर रेमडेसिवियर फ़ेल हुआ, फिर एंटी बायोटिक फ़ेल हुआ, फिर स्टेरॉयड फ़ेल हुआ और कल प्लाज़्मा थेरेपी भी फ़ेल हो गया.”

    विवाद बढ़ने पर पतंजलि योग पीठ ने इन आरोपों पर सफ़ाई दी और कहा कि जिस तरह से रामदेव का वीडियो सोशल मीडिया में सर्कुलेट किया गया वो संदर्भ से परे है.

    बयान में कहा गया है कि “रामदेव ने ये बातें एक निजी कार्यक्रम में कहीं और उस दौरान वो वॉट्सऐप पर आए कुछ मैसेज पढ़ रहे थे. स्वामी रामदेव ने आधुनिक विज्ञान के प्रति कभी अविश्वास ज़ाहिर नहीं किया है.”

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  9. ब्रेकिंग न्यूज़इटली में केबल कार टूटकर गिरी 8 लोगों की मौत

    इटली

    समाचार रिपोर्ट और बचावकर्मियों के अनुसार, उत्तरी इटली में लेक मजौरे में एक केबल कार के गिरने से कम से कम 8 लोगों की मौत हुई है.

    स्थायी आपातकालीन सेवाओं के अनुसार, पीडमॉन्ट क्षेत्र के स्ट्रीसा रिज़ॉर्ट टाउन में यात्रियों को ले जाते समय यह हादसा हुआ.

    बचाव और हेलीकॉप्टर आपातकालीन सेवाओं ने दुर्घटना के बाद काम करना शुरू कर दिया है. इटली के मीडिया के दृश्यों में अस्पताल में दो बच्चों को ले जाते हुए दिखाया जा रहा है.

    आपातकालीन सेवा द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट एक तस्वीर में एक जंगल में केबल कार का मलबा पड़ा दिखाई दे रहा है.

    केबल कार की सेवाएं प्रदान करने वाली वेबसाइट के अनुसार, मोत्तारोने पहाड़ पर समुद्र तल से 1,491 मीटर की ऊंचाई पर एक केबल कार यात्रियों को ले जाने में 20 मिनट का समय लेती है.

  10. कांगो में ज्वालामुखी फटा, हज़ारों लोग जान बचाने के लिए रवांडा पहुंचे

    कांगो का माउंट निरागोन्गो ज्वालामुखी

    कांगो गणराज्य के अधिकारियों का कहना है कि ज्लावामुखी फटने से फैला लावा गोमा शहर के पास आकर रुक गया है. हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि लावे के कारण देश के पूर्व में मौजूद शहर गोमा के उत्तर में कई घरों को नुक़सान पहुंचा है.

    ये ज्वालामुखी बीस लाख की आबादी वाले गोमा शहर से क़रीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है.

    शनिवार को माउंट निरागोन्गो ज्वालामुखी फट गया था और इससे टनों लावा निकल कर आसपास फैल गया.

    ज्वालामुखी के फटने के बाद लोग अपना सामान और मैट्रेस लेकर सड़कों पर भागते नज़र आए. बहते लावे से बचने के लिए सैकड़ों लोगों ने पड़ोसी रवांडा का रुख़ किया जबकि कई शहर के पश्चिमी हिस्से की तरफ़ भागे.

    रवांडा के अधिकारियों का कहना है कि ज्वालामुखी के फटने के बाद सीमा पार कर क़रीब तीन हज़ार लोग देश में आए हैं. सरकारी मीडिया ने कहा है कि इन लोगों के लिए अस्थायी तौर पर स्कूलों और पूजास्थलों में व्यवस्था की जा रही है.

    कांगो का माउंट निरागोन्गो ज्वालामुखी
    कांगो का माउंट निरागोन्गो ज्वालामुखी

    गोमी में रहने वाले रिचर्ड बहाती ने कहा वो उस वक्त घर पर ही थे जब उन्होंने लोगों के चीखने की आवाज़ सुनी.

    वो कहते हैं, "मैं बाहर आया तो देखा कि पूरा आकाश लाल रंग का दिख रहा है. मैं ये नज़ारा देख कर चिंता में पड़ गया कि क्या करूं. जब साल 2002 में ज्वालामुखी फटा था तब भी मैं यहां ही था. उस वक्त ज्वालामुखी के फटने के कारण मेरा घर पूरी तरह तबाह हो गया था, हमारा सबकुछ नष्ट हा गया था."

    कांगो अधिकारियों का कहना है कि जान बचाने के लिए भागते वक्त हुई भगदड़ में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई.

    फ़िलहाल शहर के पूर्व में मौजूद हवाई अड्डे के पास पहुंच कर लावा का बहाव थम गया है.

    अधिकारियों का कहना है कि ज्वालामुखी के फटने के कारण कितने लोगों की मौत हुई है और कितने घर तबाह हुए हैं इस बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.

    कांगो की राजधानी किन्शासा में मौजूद बीबीसी संवाददाता एमरी माकुमेनो ने जानकारी दी है कि अधिकांश लावा बह कर शहर के बाहर मौजूद जंगल की तरफ गया है.

    उन्होंने बताया, "लावा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे तक पहुंच कर रुक गया है. लेकिन इसके कारण कई घरों में आग लग गई है और एक कब्रिस्तान भी इससे ढक गया है."

    कांगो का माउंट निरागोन्गो ज्वालामुखी

    माउंट निरागोन्गो दुनिया के सबसे एक्टिव ज्लावामुखियों में से एक है. हाल के वक्त में गोमा वोल्कानो ऑब्ज़रवेटरी पर ज्वालामुखी में हो रहे बदवालों पर नज़र नहीं रखने के आरोप लगाए जाते रहे हैं.

    भ्रष्टाचार के आरापों के कारण विश्व बैंक ने ऑब्ज़रवेटरी को दी जाने वाली आर्थिक मदद को रोक दिया था.

    ज्वालामुखी के फटने के बाद कई घंटों तक ज्वालामुखी से लवा बहने की तेज़ आवाज़ आती रही.

    इससे पहले ये ज्वालामुखी साल 2002 में फटा था. उस वक्त इस कारण 250 लोगों की मौत हो गई थी और हज़ारों घर नष्ट हो गए थे जिससे एक लाख बीस हज़ार लोग बेघर हो गए थे.

    कांगो का माउंट निरागोन्गो ज्वालामुखी
    कांगो का माउंट निरागोन्गो ज्वालामुखी
  11. ब्रेकिंग न्यूज़ईरान ने कहा- वो अब परमाणु ठिकानों को दिखाने के लिए बाध्य नहीं

    ईरानी राष्ट्रपति

    ईरान ने कहा है कि उसके परमाणु कार्यक्रम पर निगरानी रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईएईए के साथ हुआ अस्थायी क़रार अब ख़त्म हो गया है. इसके बाद अब उसके कुछ परमाणु ठिकानों पर हो रहे काम की तस्वीरें या वीडियो आईएईए के अधिकारियों को दिखाना उसके लिए ज़रूरी नहीं रह गया है.

    ईरानी संसद मजलिस के स्पीकर मोहम्मद बक़ार क़लीबफ़ ने कहा कि ईरान मानता है कि इस अस्थायी क़रार की मियाद शनिवार को ख़त्म हो गई है.

    मोहम्मद बक़ार क़लीबफ़ ने कहा, "तीन महीने का ये क़रार शनिवार 22 मई को ख़त्म हो गया है. इसके बाद अब आईएईए के इंस्पेक्टर को परमाणु ठिकानों की तस्वीरें और वीडियो देखने को नहीं मिलेंगे."

    बीते साल ईरान की संसद ने शॉर्ट नोटिस पर कुछ परमाणु ठिकानों के इंस्पेक्शन की मियाद को ख़त्म करने संबंधित एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी.

    इसके बाद इसी साल फ़रवरी में तीन महीनों के लिए एक और क़रार किया गया था ताकि आईएईए के अधिकारी परमाणु ठिकानों पर हो रही गतिविधियों से जुड़े कैमरों की रिकॉर्डिंग देख सकें.

    ये इंस्पेक्शन ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय मुहिम का हिस्सा हैं.

    ईरान का कहना है कि उसके परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण काम के लिए हैं.

    इस संबंध में आईएईए का कहना है कि वो इस क़रार को आगे बढ़ाने लिए ईरान से बात कर रहा है और इस बातचीत का असर 2015 के परमाणु क़रार पर चल रही ईरान और पश्चिमी देशों की चर्चा पर हो सकता है.

    आईएईए रविवार को संवाददाता सम्मेलन करने वाला है जिसमें संस्था के प्रबंध निदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रोसी ईरान में संस्था के काम के बारे में और जानकारी देंगे.

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    2018 में अमेरिका के परमाणु समझौते से निकलने के बाद और ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लागू करने के बाद उसने समझौते की शर्तो को धीरे-धीरे तोड़ना शुरू कर दिया था.

  12. Video content

    Video caption: ब्लैक फंगस को क्यों माना जा रहा है महामारी?

    कई राज्यों से कोविड रोगियों में फ़ंगस संक्रमण 'म्यूकर माइकोसिस' के रूप में एक नई चुनौती सामने आई है.

  13. चीन: कड़ी सर्दी की मार नहीं झेल पाए खिलाड़ी, 21 की मौत

    चीन

    चीन के गान्सु प्रांत में एक मैराथन दौड़ के दौरान कम से कम 21 लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

    बताया गया है कि इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में बहुत गुस्सा है और इन लोगों का आरोप है कि “इस दौड़ के आयोजकों ने पूरी तैयारी नहीं की थी.”

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, मैराथन रेस के दौरान मौसम बहुत तेज़ी से बदला और तापमान कुछ ही समय में काफ़ी गिर जाने के कारण इन धावकों की मौत हो गई.

    100 किलोमीटर की यह दौड़ शनिवार को गान्सु प्रांत में येलो नदी के पास से शुरू हुई थी. इस दौड़ में शामिल धावकों को इस क्षेत्र के ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुज़रते हुए यह दौड़ पूरी करनी थी. गान्सु प्रांत चीन के उत्तर-पश्चिमी इलाक़े में स्थित है.

    एक स्थानीय फ़ोटोग्राफ़र ने सोशल मीडिया पर इस इवेंट की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि “दौड़ सुबह क़रीब 9 बजे शुरू हुई थी. धावकों ने टी-शर्टें और शॉर्ट्स पहने हुए थे. सुबह से ही आसमान में बादल थे और दोपहर में जाकर इस दौड़ के एक हिस्से में अचानक ओले पड़ने लगे. तूफ़ानी बारिश हुई जिसकी वजह से तापमान बहुत तेज़ी से कम हो गया.”

    चीन

    एक धावक महिला, माओ शूज़ी जिन्होंने क़रीब 24 किलोमीटर की दौड़ पूरी कर ली थी, उन्होंने बताया कि “बारिश तेज़ होती जा रही थी. मुझे शरीर में कंपन महसूस होने लगी थी, तो मैंने वापस लौटने का फ़ैसला किया. आगे और ऊंचाई थी, तो मुझे लगा कि आगे बढ़ने से हाइपोथर्मिया का ख़तरा बढ़ेगा. पहले मुझे लगा कि मैं ग़लत कर रही हूँ. लेकिन जब होटल लौटने के बाद मैंने तेज़ तूफ़ान और भारी बारिश देखी जो मुझे लगा कि वापस लौटकर मैंने सही किया.”

    चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार, क़रीब 1200 बचावकर्मियों को फंसे हुए और लापता लोगों के बचाव में लगाया गया था जिन्होंने ड्रोन और रडार की मदद से मरने वालों की तलाश की. बताया गया कि तेज़ बारिश के बाद भूस्खलन की वजह से फंसे हुए लोगों तक मदद पहुँचने में देरी हुई.

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौड़ में कुल 172 लोगों ने हिस्सा लिया था. रविवार सुबह तक 151 धावकों के सुरक्षित होने की पुष्टि हो पायी थी.

    बात में स्थानीय प्रशासन ने बताया कि 21 धावकों की इस घटना में मौत हो गई.

  14. कोरोना: आईएमए ने रामदेव को भेजा क़ानूनी नोटिस, पतंजलि ने दी सफ़ाई

    रामदेव

    इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने योगगुरु रामदेव को उस बयान के लिए क़ानूनी नोटिस भेजा है जिसमें उन्होंने कहा था कि हाल के दिनों में कोविड-19 के मुक़ाबले एलोपैथिक इलाज के कारण ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

    हाल ही में सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो सर्कुलेट हो रहा था जिसमें वो प्लाज़्मा थेरेपी के कोविड-19 के इलाज की सूची से हटाए जाने पर तंज़ कस रहे थे.

    इस वीडियो में रामदेव कह रहे हैं, “एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले क्लोरोक्विन फ़ेल हुआ, फिर रेमडेसिवियर फ़ेल हुआ, फिर एंटी बायोटिक फ़ेल हुआ, फिर स्टेरॉयड फ़ेल हुआ और कल प्लाज़्मा थेरेपी भी फ़ेल हो गया.”

    इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि रामदेव के बयानों से संस्थान की गरिमा और भरोसे को ठेस पहुँचा है.

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    अब विवाद बढ़ने पर पतंजलि योग पीठ ने इन आरोपों पर सफ़ाई दी है.

    पतंजलि आयुर्वेद लिमिडेट के मैनेजिंग डायरेक्टर बालाकृष्ण ने ट्विटर पर पतंजलि का बयान पोस्ट किया है.

    उन्होंने लिखा है, “आइए,हम सब मिलकर पैथियों के नाम पर भ्रम, अफ़वाह व बेवजह विवाद से परे प्राचीन व आधुनिक विज्ञान के समन्वय से रोगों से पीड़ित मानवता को लाभ पहुंचाने में मदद करें.”

    पतंजलि ने अपनी सफ़ाई में कहा गया है कि जिस तरह से रामदेव का वीडियो सोशल मीडिया में सर्कुलेट किया गया वो संदर्भ से परे है.

    बयान के मुताबिक़, “रामदेव ने ये बातें एक निजी कार्यक्रम में कहीं और उस दौरान वो वॉट्सऐप पर आए कुछ मैसेज पढ़ रहे थे. स्वामी रामदेव ने आधुनिक विज्ञान के प्रति कभी अविश्वास ज़ाहिर नहीं किया है.”

    पिछले हफ़्ते इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कोविड-19के इलाज को लेकर जारी की गई गाइडलाइन से प्लाज़्मा थेरेपी को हटा दिया था

    इसका कारण बताते हुए आईसीएमआर ने कहा था कि प्लाज़्मा थेरेपी से मरीज़ को फ़ायदा नहीं पहुँच रहा है.

  15. प्लाज़्मा थेरेपी पर डॉक्टरों की अलग-अलग राय क्यों?

    इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कोविड-19 के इलाज को लेकर जारी की गई गाइडलाइन से प्लाज़्मा थेरेपी को हटा दिया है.

    इसका कारण दिया गया कि प्लाज़्मा थेरेपी से मरीज़ को फ़ायदा नहीं पहुँच रहा है. पूरी जानकारी, इस वीडियो रिपोर्ट में.

    Video content

    Video caption: कोरोना: प्लाज़्मा थेरेपी पर डॉक्टरों की अलग-अलग राय क्यों?
  16. ब्रेकिंग न्यूज़कोरोना से जान गँवाने वाले डॉक्टरों के परिजनों को एक करोड़ रुपये, केजरीवाल का ऐलान

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    कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र दिल्ली में एक बार फिर लॉकडाउन हफ़्ते भर के लिए बढ़ा दिया गया है. अब राजधानी में लॉकडाउन 31 मई सुबह पाँच बजे तक के लिए लागू हो गया है.

    इसके अलावा लोगों का इलाज करते हुए कोरोना संक्रमण का शिकार होकर अपनी जान गँवाने वाले डॉक्टरों के परिवारों को एक करोड़ रुपये मुआवज़ा देने का ऐलान भी किया गया है.

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉफ़्रेंस कर इसकी घोषणा की.

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को लॉकडाउन का फ़ायदा पहुँचा है और यही वजह है कि राजधानी में पॉजटिविटी रेट 36 फ़ीसदी से घटकर 2.5 फ़ीसदी हो गई है.

    उन्होंने कहा, “हालात सुधर रहे हैं लेकिन मैं यह नही कहूँगा कि हमने जंग जीत ली है. हमें अभी भी अनुशासन और संयम बनाए रखना है.”

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    दिल्ली में वैक्सीन की कमी

    केजरीवाल ने एक बार फिर दिल्ली में वैक्सीन की कमी का भी ज़िक्र किया.

    उन्होंने कहा, “दिल्ली और देश में वैक्सीन की कमी है. अगर हमें पर्याप्त वैक्सीन मिल जाए तो हमने तीन महीने में पूरी दिल्ली की आबादी को वैक्सीन लगाने की योजना बना ली है.”

    दिल्ली में वैक्सीन की कमी के कारण 18-44 आयुवर्ग की टीकाकरण बंद कर दिया गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से दिल्ली को पर्याप्त वैक्सीन मुहैया कराने की अपील की थी.

  17. छत्तीसगढ़: युवक को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर का तबादला

    छत्तीसगढ़

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक युवक को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर रणबीर शर्मा का तत्काल प्रभाव से तबादला किए जाने का निर्देश दिया है.

    मुख्यमंत्री ने युवक के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए उनसे और उनके परिजनों से खेद भी ज़ाहिर किया है.

    भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बताया, “सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है.यह बेहद दुखद और निंदनीय है.छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं.”

    उन्होंने एक अन्य ट्वीट मे लिखा, “किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है.इस घटना से क्षुब्ध हूँ. मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूँ.”

    बीबीसी के सहयोगी पत्रकार आलोक पुतुल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रणबीर शर्मा को हटाकर गौरव कुमार सिंह को सूरजपूर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है.

    रणबीर शर्मा को सूरजपुर से तत्काल प्रभाव से तबादला करते हुए मंत्रालय में संयुक्त सचिव(प्रतीक्षारत) के पद पर भेजा गया है.

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    डीएम ने माँगी माफ़ी, आईएएस एसोसिएशन ने की निंदा

    राज्य के सूरजपुर ज़िले के कलेक्टर रणबीर शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसमें वो लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप मे एक युवक का मोबाइल ज़मीन पर पटककर फेंकते और उसे थप्पड़ मारते नज़र आ रहे हैं.

    सोशल मीडिया पर लोगों के विरोध के बाद उन्होंने इसके लिए माफ़ी भी माँगी थी.

    उन्होंने कहा था, ““मुझे अपने किये का पछतावा है और मैं अपने व्यवहार के लिए माफ़ी माँगता हूँ. मेरा आशय किसी का अपमान करना नहीं था.”

    आईएएस अधिकारी रणबीर शर्मा के अनुसार, “उसने (युवक) कहा कि वो वैक्सीन लगवाने जा रहा है, लेकिन उसके पास ज़रूरी काग़ज़ात नहीं थे. उन्होंने जो पर्ची दिखाई, वो टीकाकरण से संबंधित नहीं थी.''

    ''बाद में उसने कहा कि वो अपनी दादी का हालचाल लेने जा रहा है. लेकिन जब वो बहस करने लगा, तो मैंने गुस्से में आकर उसे थप्पड़ मार दिया. उसकी उम्र 23-24 साल थी, 13-14 वर्ष नहीं.”

    हालाँकि डीएम के माफ़ी माँगने के बावजूद लोग लगातार उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग कर रहे थे.

    आईएएस एसोसिएशन ने भी एक ट्वीट कर इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की है.

    ट्वीट में कहा गया है, “आईएएस एसोसिएशन सूरजपूर के कलेक्टर के बर्ताव की कड़ी निंदा करता है. यह अस्वीकार्य है. सिविल सर्वेंट्स को समाज के प्रति हमेशा सहानुभूति का भाव रखना चाहिए. ख़ासकर ऐसे मुश्किल वक़्त में.”

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    सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, पहले भी हुई है ऐसी घटना

    सोशल मीडिया पर कुछ लोग यह दावा कर रहे थे कि शर्मा ने जिस युवक को थप्पड़ मारा वो नाबालिग था.

    बहरहाल, घटनास्थल पर मौजूद किसी अन्य शख़्स ने रणबीर शर्मा का वीडियो बना लिया था.

    वीडियो में दिखाई देता है कि वे युवक से कुछ बात कर रहे हैं, तभी वे अचानक उसके हाथ से फ़ोन छीनते हैं और उसे ज़मीन पर पटक देते हैं.

    इसके बाद वे युवक को थप्पड़ मारते हैं, जिसके बाद पास में खड़े सुरक्षाकर्मी युवक को डंडे से मारने लगते हैं.

    इस वीडियो को सोशल मीडिया पर काफ़ी शेयर किया गया है. लोग लिख रहे हैं कि “लोगों की सेवा में लगे ये अधिकारी जनता के ख़िलाफ़ इस तरह का बर्ताव नहीं कर सकते.”

    इससे पहले उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा का एक वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया था जिसमें एक अन्य आईएएस अधिकारी शैलेष कुमार यादव ने कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करवाने के लिए लोगों से अभद्रता की थी.

    उनका भी वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद उन्हें माफ़ी माँगनी पड़ी थी.

  18. भारत में अब साइक्लोन यास का ख़तरा, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सेना तैयार

    तूफ़ान

    चक्रवाती तूफ़ान तौक्ते के बाद अब भारत के कई हिस्सों में साइक्लोन ‘यास’ का ख़तरा मँडरा रहा है.

    भारतीय मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफ़ान यास, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तबाही मचा सकता है.

    इस चेतावनी के मद्देनज़र केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में आज सुबह 11 बजे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक करने वाले हैं.

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत टेलीकॉम और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक का हिस्सा होंगे.

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    मौसम विभाग ने चेताया है कि चक्रवात के कारण 26 मई को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं और कई जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है.

    बताया गया है कि बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्वी हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह 24 मई तक चक्रवाती तूफ़ान यास का रूप ले लेगी.

    तूफ़ान की चेतावनी के मद्देनज़र, पश्चिम बंगाल के मछुआरों को अगली जानकारी मिलने तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.

    समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ तूफ़ान को देखते हुए भारतीय सेना ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अपनी टीमें तैनात कर दी हैं.

  19. कोरोना: भारत में मिले वैरिएंट पर कारगर हैं फ़ाइज़र और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन

    कोरोना संक्रमण

    कोरोना के जिस वैरिएंट की सबसे पहले भारत में पहचान की गई, उस पर फ़ाइज़र और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पूरी तरह कारगर हैं. ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में ऐसा पाया गया है.

    अध्ययन के नतीजों के अनुसार इन दोनों में से किसी भी वैक्सीन की दो डोज़ कोरोना के ख़िलाफ़ समान रूप से कारगर पाई गईं.

    हालाँकि, इस वैरिएंट के ख़िलाफ़ इन टीकों की एक डोज़ को तीन हफ़्ते बाद केवल 33 प्रतिशत प्रभावी पाया गया.

    ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई और मौतें नहीं हुईं.

    कोरोना संक्रमण

    फ़ाइज़र की वैक्सीन को दूसरी डोज़ के दो हफ़्ते बाद भारत में पाए गए B.1.617 वैरिएंट से संक्रमित सिंप्टोमैटिक (लक्षणों वाले) मरीज़ों पर 88 फ़ीसदी तक प्रभावी पाया गया.

    वहीं, एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दूसरी डोज़ दो हफ़्ते बाद इस वैरिएंट पर 60 फ़ीसदी असरदार पाई गई.

    पाँच अप्रैल से 16 मई के बीच हुए इस अध्ययन में लगभग 12,675 जीनोम-सीक्वेसिंग वाले मामलों को शामिल किया गया था.

    इनमें B.1.617.2 (भारत में मिले वैरिएंट) से संक्रमण वाले कुल 1,054 मामले थे.